जिस महिला ने बैंक में डेढ़ हजार करोड़ के घोटाले की दी थी शिकायत, वो हो गई गुम, मिल रही थी धमकियां, ED भी करेगा घोटाले की जांच

जौनपुर 

बैंकों व अन्य वित्तीय कंपनियों तथा शेयर बाजार के माध्यम से 1500 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले की जिस महिला ने शिकायत की थी, वह गुम हो गई है। पुलिस तक शिकायत पहुंचने के बाद इस महिला को धमकियां दी जा रही थीं। इसके बाद से ही यह महिला ग़ायब है। इससे पुलिस का सिरदर्द और बढ़ गया है इस बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी इस मामले को लेकर एक्शन में आ गया है । अब ED भी इस हाईप्रोफाइल मामले की जांच करेगा।

यह हाईप्रोफाइल घोटाला उत्तरप्रदेश के जफराबाद (जौनपुर) की SBI  व वित्तीय कंपनियों से जुड़ा हुआ है। थाने में भारतीय स्टेट बैंक की सिविल लाइन शाखा के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर रोहित पराशर सहित 28 लोगों के विरुद्ध 1150 करोड़ रुपए के घोटाले का मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में करोड़ों रुपये की घपलेबाजी का आरोप है। एक निजी कंपनी के जरिए बैंक की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है। पुलिस भी अभी कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं है। दिलचस्प ये है कि भारतीय स्टेट बैंक सिविल लाइन शाखा के अधिकारियों का कहना है कि उनकी बैंक से इस मामले का कोई लेना-देना नहीं है। न ही रोहित पराशर नाम के प्रबंधक ही इस शाखा में कभी रहे हैं।

स्टेट बैंक शाखा प्रबंधक सिविल लाइन हुसेनाबाद जौनपुर सहित कोलकाता, महाराष्ट्र, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु के कुल 28 हाई प्रोफाइल लोग इस मामले में शामिल हैं। सभी लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत हुआ है। थानाध्यक्ष जफराबाद ने बताया कि बीते 26 सितंबर को कोर्ट के आदेश पर सभी आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा से संबंधित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है। इस मामले की प्रारंभिक विवेचना थाना स्तर से की जा रही है। मामला गंभीर और उच्च स्तर का है।

ED ने मांगी FIR की कॉपी
इस हाईप्रोफाइल घोटाले की छानबीन के लिए ED ने जफराबाद थाने में दर्ज एफआइआर की प्रति मांगी है। प्रयागराज स्थित निदेशालय के उप क्षेत्रीय कार्यालय के असिस्टेंट डायरेक्टर अनुराग अग्रवाल ने थाना प्रभारी निरीक्षक को पत्र भेजा है। इसमें लिखा है कि उनके कार्यालय के संज्ञान में आया है कि इस घातले का मामला आपके तने में दर्ज है, लिहाजा आवश्यक कार्रवाई के लिए एफआइआर की प्रति जल्द उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने पत्र की प्रतिलिपि एसपी अजय कुमार साहनी को भी भेजी है।

500 करोड़ के घोटाले का यह प्रकरण तब सामने आया था जब भुवालापट्टी निवासिनी पेशे से शिक्षक व समाजसेविका बाबा बेटी ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत में दफा 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र दिया था। इसमें ब्रांच मैनेजर रोहित पराशर समेत 11 व्यक्तियों व 17 कंपनियों पर शेयर बाजार के जरिए बैंक व निवेशकों को करीब डेढ़ हजार करोड़ रुपए का चूना लगाने का आरोप लगाया था। इसके बाद सीजेएम के आदेश  पर जफराबाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था। थाना स्तर पर मामले की विवेचना एसआइ आशीष पांडेय कर रहे हैं।

इस बीच इस मामले को सामने लाने वाली  शिकायतकर्ता बाबा बेटी रहस्यमय तरीके से गायब हो गई है । उसकी गुमशुदगी भी पुलिस के लिए सिरदर्द बन गई है। बाबा बेटी तहरीर में दर्शाए गए अपने पते वाले घर पर मिल नहीं हैं। आवास पर ताला लटका हुआ है। इस कारण जांच भी आगे नहीं बढ़ पा रही। फिलहाल इस महिला को ही ढूंढ़ा जा रहा है।

बाबा बेटी को मिलने लगी थी धमकी
कोर्ट में दिए प्रार्थना पत्र के मुताबिक 29 मार्च 2021 को भोर में तीन बजे दो अज्ञात असलहाधारी बाबा बेटी के भुवालापट्टी स्थित घर में घुस गए। धमकी दी कि इस मामले से किनारा कर लो, नहीं तो तुम्हें गायब कर देंगे। वे उनका मोबाइल फोन भी लेकर चले गए। थाने पर गईं तो सुनवाई नहीं हुई। मीडिया में आईं खबरों के अनुसार कोर्ट में अपील करने वाले अधिवक्ता एसके यादव ने बताया कि मेरे पास प्रार्थना पत्र आया था, जिसे दाखिल कर दिया।

बताया जा रहा है कि बैंकों व अन्य वित्तीय कंपनियों तथा शेयर बाजार के माध्यम से 1500 करोड़ से अधिक के हाईप्रोफाइल घोटाले में कई प्रांतों के साथ मरीशस की कंपनी की संलिप्तता है। आरोप है कि बैंक व अन्य वित्तीय संस्थाओं ने देश व जनता की गाढ़ी कमाई कारपोरेट के रूप में अपराधियों के समूह को दे दी।

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