बिलासपुर
आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के हजारों करोड़ के घोटाले में हिमाचल प्रदेश के निवेशकों की भी 150 करोड़ से ज्यादा राशि फंसी हुई है। हिमाचल प्रदेश के निवेशक अपनी धन वापसी के लिए भटक रहे हैं।
इस मामले को लेकर बिलासपुर में आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के एंजेट्स एवं इनवेस्टर व एडवाइजर वेलफेयर एसोसिएशन ट्रस्ट सदस्य एंजेट सुंदरराम सहगल, देवेंद्र सिंह, प्यार सिंह चंदेल, परवेज, विक्रांत वर्मा, रामूराम बरवाल, देवराज बंसल, शांति मोदगिल, आशा पठानिया ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हिमाचल प्रदेश में 2012 से सोसायटी ने कार्य करना शुरू किया। जिसके तहत उनके अलावा राज्य भर में करीब एक लाख लोग जुड़ गए। लेकिन 2018 में सोसायटी को लेकर किसी मामले को लेकर जांच शुरू हुई।
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उन्होंने कहा कि घोटाला सामने आने के बाद सोसायटी के लेनदेन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया। उन्होंने कहा कि सोसायटी को 24 घंटे सेवाएं देने के लिए पुरस्कृत भी किया गया। लेकिन अब लोगों के पैसे यहां पर फंस चुके हैं।
उन्होंने कहा कि करीब 150 करोड़ रुपए की इस राशि की अदायगी के लिए केंद्र सरकार, प्रदेश सरकार से कई बार गुहार लगा चुके हैं। यहां तक कि अभी हाल ही में लोकसभा के सत्र में भी इस को-ओपरेटिव सोसायटी को लेकर सवाल उठाए गए थे। लेकिन अभी तक सरकार इस पर कोई निर्णय नहीं ले पाई है। उन्होंने सरकार से मांग की कि उनकी गाढ़ी कमाई को वापस दिलाने के लिए सरकार ठोस कदम उठाए।
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