सरकारी बैंकों से 862 करोड़ की धोखाधड़ी, CBI ने IT कंपनी पर छापा मारा, डायरेक्टर और MD के खिलाफ मामला दर्ज

मुम्बई 

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और सात अन्य कंसोर्टियम बैंकों से एक IT  कम्पनी द्वारा 862 करोड़ की धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। इस पर कंपनी और उसके प्रबंध निदेशक, निदेशक और कुछ अज्ञात लोक सेवकों सहित अन्य के खिलाफ CBI ने मामला दर्ज किया है।

862 करोड़ रुपए की यह धोखाधड़ी 2009 से 2017 के बीच की बताई गई है। सीबीआई के प्रवक्ता आरसी जोशी ने कहा कि सीबीआई की टीमों ने मुंबई और कोल्हापुर में आवासीय और कार्यालय परिसरों सहित नौ स्थानों पर तलाशी ली है।

सीबीआई ने ट्राइमैक्स आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर एंड सर्विसेज लिमिटेड (टीआईआईएसएल) के प्रबंध निदेशक सूर्य प्रकाश मद्रेचा और निदेशक चंद्र प्रकाश मद्रेचा और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

सीबीआई ने कहा, ‘बैंक ने 2009 से 2017 की अवधि के दौरान कंसोर्टियम बैंकिंग के तहत अभियुक्तों को क्रेडिट सुविधाएं जारी की थीं, जिन्हें समय-समय पर बढ़ाया गया था। यह आरोप लगाया गया था कि निजी कंपनी के निदेशकों ने दूसरों के साथ साजिश में और कुछ सरकारी अधिकारियों ने खातों की किताबों में हेरफेर किया था।’

सीबीआई के मुताबिक, बैंकों द्वारा जारी धन को डायवर्ट किया गया। उन्होंने कथित तौर पर भारतीय स्टेट बैंक सहित सात कंसोर्टियम सदस्य बैंकों को 862.06 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है।

आरोप के अनुसार, दिवालियेपन की कार्यवाही से गुजरते हुए, टीआईआईएसएल ने सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क चलाने के लिए एक सरकारी कंपनी को विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को आईटी सहायता प्रदान की और सिंगापुर में इसका संचालन किया

बैंक अधिकारियों की भी मिलीभगत
ठगी का यह मामला साल 2009 से 2017 तक चलता रहा। आरोपी इस दौरान बैंक अधिकारियों के साथ मिलीभगत  कर क्रेडिट सुविधा बढ़ाते रहे जिसकी मदद से वे दूसरे बैंकों से भी पैसे लेते रहे। शिकायत के मुताबिक कंपनी के अधिकारियों ने बैंकों को झांसा देने के लिए अपने बहीखाते में भी हेरफेर किया। साथ ही बैंकों से लिए गए पैसे कहीं और खर्च कर दिए गए और बाद में कर्ज वापस नहीं किए गए। 

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