सप्ताहभर बाद याद आई इन कोरोना योद्धाओं की

नई हवा ब्यूरो 


बैंकों में अब बदला नकदी का लेन-देन का समय


जयपुर। राजस्थान में आखिर सप्ताहभर बाद सरकार ने बैंकों की सुध ले ली। काेराेना के बढ़ते मामलों काे देखते हुए अब बैंकों में लेनदेन का समय घटा दिया गया है। प्रदेश में 15 मई तक अब बैंकों में नकद लेन-देन का सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक कर दिया गया है। पहले 4 बजे तक नकद लेन-देन हो रहा था। बैंककर्मी कई दिनों से नकद लेन-देन का समय घटाने की मांग कर रहे थे। अब बैंकों में जमा व निकासी, ड्राफ्ट, आरटीजीएस व एनईएफटी, चेक क्लियरिंग व सरकारी चालान बनाने का कार्य ही किया जाएगा।

आपको बता दें कि बैंक शाखाएं कोरोना की हाॅटस्पाॅट बनती जा रही हैं। बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात सहित कई राज्यों मैं कोरोना ने अनेक बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों की जान ले ली। सैकड़ों कर्मचारी और अधिकारी रोजाना कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। पर राजस्थान सरकार ने इन राज्यों से कोई सबक नहीं लिया और राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के उस प्रस्ताव को पिछले करीब एक सप्ताह से ठन्डे बस्ते में डाल रखा था जिसमें बैंकों के समय में बदलाव को कहा गया था। जबकि यूपी, दिल्ली, गुजरात, बिहार सहित कई राज्य की सरकारें अपने यहां की राज्य स्तरीय बैंकर्स समितियों के प्रस्ताव को पहले ही स्वीकृति देकर अपने राज्यों में बैंकों के समय में बदलाव करवा चुकी हैं। अब राजस्थान में करीब सप्ताहभर बाद राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के बैंकों में समय घटाने के प्रस्ताव को हरी झंडी तब मिली जब भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के संयुक्त सचिव डा. मदनेश कुमार मिश्रा को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को 22 अप्रेल को यह याद दिलाते हुए एक चिठ्ठी निकालनी पड़ी कि बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों का इस कोरोना काल में विशेष ख्याल रखा जाए। उनका प्राथमिकता से टीकाकरण किया जाए और बैंक कोरोना के हॉट स्पॉट न बन जाएं, इसका विशेष ध्यान रखा जाए।

ऐसे लटक – भटक रहा था प्रस्ताव
राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति  राजस्थान ने कोरोना के प्रसार को  रोकने के लिए राजस्थान में  बैंकों का नकदी लेनदेन का समय 3 बजे तक तथा कार्य समय 4 बजे तक करने का प्रस्ताव  राज्य सरकार को भेजाथा। इस प्रस्ताव को संयुक्त शासन सचिव ने 16 अप्रेल को प्रमुख शासन सचिव को अग्रेषित कर दिया। किन्तु वहां पर यह प्रस्ताव लटकता-भटकता रहा और  कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। प्रस्ताव ठन्डे बस्ते में डाल दिया गया है। जबकि  बैंक  कर्मचारियों और अधिकारियों को संसदीय समिति कोरोना योद्धा घोषित कर चुकी है, उनकी तरफ  गहलोत सरकार ने नजरें इनायत तक नहीं की। उसने इन कोरोना योद्धाओं को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। अब जब 22 अप्रेल को भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के संयुक्त सचिव डा. मदनेश कुमार मिश्रा का ख़त राजस्थान के मुख्य सचिव के पास पहुंचा तब गहलोत सरकार को याद आई कि ऐसा कोई प्रस्ताव भी उसके ठन्डे बस्ते में पड़ा है। कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रसार को रोकने हेतु राजस्थान सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस पर चर्चा हेतु 5.04.2021 को राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति, राजस्थान की उपसमिति की विशेष बैठक आयोजित की गई थी जिसमें आयोजना विभाग, राजस्थान सरकार भारतीय रिजर्व बैंक, नाबार्ड, विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधियों द्वारा सहभागिता की गई थी। इसमें तय किया गया था कि  समस्त राजकीय कार्यालय (कोविड मैनेजमेंट से संबन्धित सभी कार्यालय, वार रूम, कंट्रोल रूम को छोड़कर) सॉय 4:00 बजे तक खुले रहेंगे। वहीं समस्त निजी कार्यालय एवं प्रतिष्ठानों को परामर्श दिया गया था  कि कोविड संक्रमण कि वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए वह भी अपने कार्यालय समय को इस अनुरूप परिवर्तित करे। इसी दौरान एसएलबीसी ने  बैंक  ग्राहकों को लेन-देन का समय 10 बजे से 4.00 बजे को 10 बजे से 3.00 बजे तक30.04.2021 तक परिवर्तित करने का निर्णय किया। पर गहलोत सरकार एक सप्ताह तक उस  फैसले पर कुण्डली मारे बैठे रही।


 

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