अजमेर (Ajmer) जिला न्यायालय के बाहर स्पीड ब्रेकर की मांग को लेकर वकीलों का सड़क जाम और प्रदर्शन हुआ। PWD अधिकारी से धक्का-मुक्की के आरोप, जयपुर रोड ढाई घंटे जाम रही।
अजमेर
न्याय की चौखट पर शुक्रवार को हालात ऐसे बिगड़े कि कानून के रखवाले और सिस्टम आमने-सामने आ गए। अजमेर जिला न्यायालय के बाहर स्पीड ब्रेकर की मांग ने अचानक उग्र रूप ले लिया और देखते-ही-देखते जयपुर रोड जाम, धक्का-मुक्की और मारपीट के आरोपों तक मामला पहुंच गया। अफसर को पुलिस सुरक्षा में निकालना पड़ा और शहर की सबसे व्यस्त सड़क करीब ढाई घंटे तक ठप रही।
अजमेर जिला न्यायालय के बाहर शुक्रवार को हालात उस समय तनावपूर्ण हो गए, जब बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं ने जयपुर रोड पर सड़क के दोनों ओर जाम लगाकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। सूचना मिलने पर सिविल लाइंस थाना पुलिस के साथ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और हालात संभालने की कोशिश की गई।
बातचीत से पहले बिगड़ा माहौल
मामले के समाधान के लिए लोक निर्माण विभाग (PWD) के एक अधिकारी को मौके पर बुलाया गया। लेकिन बातचीत के दौरान कुछ अधिवक्ता आक्रोशित हो गए और स्थिति अचानक बिगड़ गई। आरोप है कि पुलिस की मौजूदगी में ही PWD अधिकारी के साथ धक्का-मुक्की और मारपीट हुई। हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने अधिकारी को भीड़ से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
जाम के बीच पहुंचे सीनियर अफसर
घटना की सूचना पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) हिमांशु जांगिड़ और प्रशिक्षु आईपीएस अजय सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से बातचीत कर हालात शांत कराने का प्रयास किया। प्रशासन की ओर से आश्वासन दिए जाने के बाद करीब ढाई घंटे बाद जयपुर रोड से जाम हटाया गया।
क्यों कर रहे थे वकील विरोध?
जिला बार एसोसिएशन के सचिव रूपेंद्र परिहार के अनुसार—
- जिला न्यायालय का नया भवन तैयार हो चुका है और वहां नियमित न्यायिक कार्य हो रहा है
- लेकिन अधिवक्ताओं के बैठने की समुचित व्यवस्था नहीं होने से उन्हें पुराने और नए भवन के बीच बार-बार आना-जाना पड़ता है
- इस दौरान उन्हें हाईवे जैसी व्यस्त सड़क पार करनी पड़ती है, जिससे अधिवक्ताओं और पक्षकारों की जान जोखिम में रहती है
- पहले भी सड़क पार करते समय दुर्घटनाएं और चोटिल होने की घटनाएं हो चुकी हैं
इसी के विरोध में स्पीड ब्रेकर बनाने की मांग की जा रही थी।
मारपीट पर दो अलग-अलग दावे
- बार एसोसिएशन का दावा है कि किसी अधिवक्ता ने अधिकारी पर हाथ नहीं उठाया, बल्कि गलतफहमी के चलते स्थिति वैसी प्रतीत हुई
- वहीं घायल PWD अधिकारी विपिन जिंदल ने अस्पताल में उपचार के बाद कहा कि पहले उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया और बाद में मारपीट हुई
उन्होंने इसे एक जिम्मेदार सरकारी अधिकारी के साथ अनुचित व्यवहार बताते हुए शिकायत देकर कार्रवाई की बात कही है।
आगे क्या?
प्रशासन ने दो घंटे में स्पीड ब्रेकर बनवाने का आश्वासन दिया है, जिसके बाद फिलहाल प्रदर्शन समाप्त हो गया। लेकिन अधिकारी से मारपीट के आरोप और संभावित शिकायत के चलते यह मामला आगे और तूल पकड़ सकता है।
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