‘सेवा शुल्क’ मांगते ही रंगे हाथ पकड़ा गया पटवारी

बयाना (भरतपुर) में एसीबी ने पटवारी अखिलेश कुमार को 5,000 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा। चार महीने से नामांतरण प्रक्रिया जानबूझकर लटकाई हुई थी।

बयाना (भरतपुर )

बयाना (भरतपुर) में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने उस पटवारी की गर्दन दबोच ली, जो चार महीने से फाइल को “लटकाओ मोड” पर रखकर 5,000 रुपए की सेटिंग मांग रहा था। जमीन के नामांतरण का आवेदन सीधे-सीधे अटका दिया गया था। थककर परेशान परिवादी ने शिकायत दर्ज कराई, और बस—इसके बाद पूरा खेल उल्टा पड़ गया।

करौली एसीबी ने सोमवार (8 दिसंबर) को प्लान बनाकर पटवारी अखिलेश कुमार को ट्रैप किया। बयाना पंचायत समिति के पास बने उसके निजी पटवार निवास पर टीम दबिश देने पहुंची और नोटों की महक के साथ उसे रंगे हाथ पकड़ लिया।

शिकायत में पीड़ित ने बताया कि अगस्त में विरासत नामांतरण का आवेदन दिया था, लेकिन पटवारी फाइल पर ऐसे बैठा था जैसे यह उसकी पुश्तैनी जमीन हो। बिना 5,000 रुपए लिए काम आगे बढ़ाने को तैयार ही नहीं था।

शिकायत एसीबी फाउंडेशन से होती हुई करौली चौकी तक पहुंची, और फिर पुलिस निरीक्षक जगदीश भारद्वाज की अगुआई में जाल बिछाया गया। ट्रैप सफल रहा—अब एसीबी टीम उससे पूछताछ कर आगे की कानूनी कार्रवाई में जुटी है।

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