नई दिल्ली
भारत के उपराष्ट्रपति चुनाव (vice president election) में NDA उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन (CP Radhakrishnan) ने अपने प्रतिद्वंद्वी बी सुदर्शन रेड्डी (CP Radhakrishnan) को भारी अंतर से परास्त करते हुए 452 वोट हासिल किए। विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवार को मात्र 300 वोट मिले। इस चुनाव में जीत के लिए आवश्यक 392 वोटों की संख्या को राधाकृष्णन ने आसानी से पार कर लिया।
इस चुनाव में क्रॉस वोटिंग ने भी खेल पर हल्का असर डाला। विपक्ष के 14 सांसदों ने अपने मत एनडीए के पक्ष में डाले, जिससे राधाकृष्णन का अंतर और बढ़ा। वहीं, कुल 15 वोट अमान्य पाए गए, जो मतदान में लगभग 2% हिस्सा बनाते हैं।
एनडीए के पास अपने सांसदों की मजबूत संख्या थी – 427 सांसदों के साथ, वायएसआर कांग्रेस के 11 सांसदों के जोड़ से यह संख्या 438 हो गई, और क्रॉस वोटिंग के अतिरिक्त 14 वोट राधाकृष्णन के खाते में गए।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के जुलाई में स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देने के बाद यह चुनाव हुआ। मतदान संसद परिसर के वसुंधा भवन में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चला, जिसमें दोनों सदनों के कुल 767 सांसदों ने भाग लिया।
विपक्ष ने अपनी एकजुटता दिखाने के लिए सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा, लेकिन एनडीए की रणनीति और विपक्षी मतों में दरार ने राधाकृष्णन की जीत को और मजबूत किया। सुदर्शन रेड्डी ने कहा कि उन्होंने सांसदों से अपने अंतरात्मा की आवाज़ पर वोट करने की अपील की थी, जिससे कुछ क्रॉस वोटिंग हुई।
विशेषज्ञों का कहना है कि भविष्य के चुनावों में सांसदों को मतदान प्रक्रिया की ट्रेनिंग देने की आवश्यकता है, ताकि अमान्य वोटों की संख्या कम हो और मतदान पूरी तरह पारदर्शी बने।
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