भरतपुर
पानी और रोजगार से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए भरतपुर के समीपवर्ती ग्राम अघापुर के मंदिर में रविवार को किसानों की एक बड़ी जनसभा का आयोजन किया गया। सभा में कई गांवों के किसानों ने हिस्सा लिया और एक स्वर में सरकार से पाँचना बाँध के पानी का बँटवारा करने और बाणगंगा नदी को गम्भीर नदी से जोड़ने की मांग की।सभा की अध्यक्षता किसान नेता यदुनाथ दारापुरिया ने की।
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किसानों ने कहा कि ईआरसीपी-पीकेसी योजना के प्रथम चरण में ही भरतपुर की सूखी नदियों को जोड़ने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (घना) को स्थायी जल आपूर्ति मिलने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और इससे होटल व्यवसाय, रिक्शा चालक, गाइड और अन्य सेवाओं में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। किसानों ने हलैना में 12 जनवरी को पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की जनसभा में बड़ी संख्या में भाग लेने का संकल्प लिया और पानी व रोजगार के लिए संघर्ष जारी रखने की बात कही।
पूर्व सांसद पंडित रामकिशन ने कहा कि सरकार को आयकर दायरा बढ़ाकर उससे प्राप्त धनराशि को खेती पर मौसम परिवर्तन के विपरीत प्रभावों के शोध कार्यों पर खर्च करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को वर्षा के दिनों में अधिक पानी से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए अलग योजनाएं बनानी चाहिए।
किसान नेता इन्दल सिंह जाट ने उठाए सवाल
किसान नेता इन्दल सिंह जाट ने भरतपुर जिले की बदहाली पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भरतपुर हर विकास के मापदंड पर पिछड़ता जा रहा है। उन्होंने सिंचाई और पीने के पानी की कमी, बेरोजगारी और एनसीआर से भरतपुर को हुए नुकसान को प्रमुख मुद्दा बताया। उन्होंने प्रदूषण रहित छोटे उद्योगों की स्थापना और सिंचाई के पानी की आपूर्ति की मांग की।
इन्द्रजीत भारद्वाज की मांग
कच्चा परकोटा आंदोलन के नेता इन्द्रजीत भारद्वाज ने ईआरसीपी के समझौते को सार्वजनिक करने और भरतपुर जिले के लिए सिंचाई और पेयजल व्यवस्था को प्राथमिकता देने की मांग की।
डीएलसी दरों में संशोधन की मांग
किसानों ने ग्राम श्रीनगर बैल्क के गांवों की डीएलसी दरों को कम करने और अधिक दूरी के गांवों को इसमें शामिल न करने की भी मांग की। उन्होंने इन दरों को किसानों के आर्थिक शोषण का एक रूप बताया।
घना और किसानों के लिए जल वितरण
किसानों ने केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (घना) और किसानों के लिए अलग-अलग पानी का हिस्सा तय करने की मांग की।
सभा को इन्होंने भी किया संबोधित
- गुर्जर महासभा के श्रीराम चंदेला
- जगदीश गुर्जर एडवोकेट बंजी
- सोवरन सिंह नेताजी अघापुर
- दिलीप सिंह पप्पन
- पूर्व सरपंच विनीत भारद्वाज खडैरा
- घनसुन्दर पटेल दारापुर
- शिवराम अधापुर
- शिब्बा पटेल
- भीम सिंह
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