झांसी
40 हजार का लोन और 2 हज़ार की किस्तों की कहानी ने झांसी में एक बैंक को सुर्खियों में ला दिया है — लेकिन वजह बैंकिंग नहीं, बंधक बनाने की तकनीक है!
मोंठ थाना क्षेत्र के एक प्राइवेट माइक्रो फाइनेंस बैंक ने लोन लेने वाले व्यक्ति से जब क़िस्त वसूली में दिक्कत देखी, तो उसे नोटिस नहीं भेजा…
सीधा उसकी पत्नी को ही “शाखा में रख लिया” — और पांच घंटे तक बैठाकर रखा जैसे कोई कर्ज़दार सामान हो!
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रविंद्र वर्मा नामक व्यक्ति पर बैंक का 40 हजार का लोन था।
किस्त थी ₹2,120 महीने की।
रविंद्र के मुताबिक वह 11 क़िस्त भर चुका है — लेकिन बैंक वालों की गिनती कुछ और थी, उन्हें सिर्फ 8 दिखीं।
बचे हुए पैसे का हिसाब नहीं मिला — और बैंक वालों ने “गिरवी में पत्नी” रखने का अलिखित नियम लागू कर दिया।
पीड़ित की पत्नी पूजा वर्मा को शाखा में बुलाया गया और कह दिया गया:
“पति जब तक पैसे लेकर नहीं आएगा, आप यहीं रहेंगी।”
महिला वहीं कुर्सी पर बैठी रही — न कोई बातचीत, न कोई रसीद, सिर्फ ‘बचा पैसा दो, तभी जाओ’ की टोन।
पति ने पहले समझाया, फिर मनाया, फिर विनती की — लेकिन बैंकवालों की संवेदना सर्वर डाउन थी।
आखिरकार पीड़ित पीटीआई द्वारा Dial 112 को फोन किया गया।
पुलिस आई — और बैंक वालों की घबराहट देखने लायक थी।
महिला को तुरंत बाहर लाया गया।
कोतवाली में महिला ने बयान देकर साफ किया —
“बंधक बनाकर रखा गया, और जमा की गई किस्तों का कोई लेखा-जोखा नहीं दिया जा रहा।”
उधर, बैंक मैनेजर बोले —
“वो तो खुद बैठी थी, हमने थोड़ी रोका!”
अब पुलिस ने मामला जांच में ले लिया है — लेकिन झांसी के लोग अब पूछ रहे हैं:
“अगर 40 हजार के लिए बीवी बंधक बनाई जा रही है, तो बड़े लोन पर बैंक क्या करवा लेगा?”
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