अयोध्या
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में PNB की असिस्टेंट मैनेजर श्रद्धा गुप्ता सुसाइड केस में IPS आशीष तिवारी समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है। वहीं श्रद्धा गुप्ता के पूर्व मंगेतर और इस केस के मुख्य आरोपी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। FIR में इन सभी पर श्रद्धा गुप्ता को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। श्रद्धा गुप्ता के कमरे से एक डायरी मिली है जो इस केस के कई अहम राज खोल सकती है।
श्रद्धा गुप्ता की 68 पेज की डायरी में कई महीनों की बातें
महिला बैंक अधिकारी श्रद्धा गुप्ता की मृत्यु के बाद उनके कमरे की पड़ताल में पुलिस ने डायरी बरामद की। 68 पेज की इस डायरी में कई महीनों की बातें लिखी गई हैं। अब पुलिस इस डायरी को भी जांच में शामिल करेगी। इस डायरी में बीते कई महीनों की गतिविधियों का ब्यौरा है।
आपको बता दें कि श्रद्धा गुप्ता (30) पंजाब नेशनल बैंक के सर्किल ऑफिस में स्केल1 अधिकारी के पद पर तैनात थीं। शनिवार को उनका शव कमरे के अंदर पंखे पर लटका हुआ मिला था। कमरे के बेड पर एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था। इसमें विवेक गुप्ता, आशीष तिवारी और अनिल रावत तीन नामों का जिक्र था।
श्रद्धा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था, ”मम्मी पापा मेरे सुसाइड की वजह विवेक गुप्ता, आशीष तिवारी (एसएसएफ हेड लखनऊ) और अनिल रावत (फैजाबाद पुलिस) ये तीन हैं। इसके लिए सॉरी।”
पुलिस ने श्रद्धा के पिता की शिकायत पर विवेक गुप्ता, आशीष तिवारी (एसएसएफ हेड लखनऊ) और अनिल रावत के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इसके अलावा मुख्य आरोपी विवेक गुप्ता को हिरासत में ले लिया है। श्रद्धा गुप्ता की अप्रेल 2020 में बलरामपुर के उतरौला में रहने वाले विवेक गुप्ता पुत्र उमाशंकर गुप्ता से शादी तय हुई थी। दोनों के बीच बात भी होने लगी थी। लेकिन कोरोना के चलते शादी नहीं हो पाई।
पुलिस अधिकारियों से फोन करा कर टॉर्चर करा रहा था पूर्व मंगेतर
श्रद्धा के पिता राजकुमार गुप्ता ने बताया था कि श्रद्धा ने उन्हें बताया था कि विवेक की हरकतें ठीक नहीं है, उसका बैकग्राउंड ठीक नहीं है और मैं उससे शादी नहीं करूंगी। इसके बाद श्रद्धा की मर्जी पर ही विवेक से घरवालों ने शादी तोड़ दी, लेकिन विवेक लगातार श्रद्धा का पीछा करता रहा। शादी करने का दबाव बनाता रहा। 15 दिन पहले श्रद्धा जब अपने घर गई थी, तब भी उसने साफ कहा कि विवेक बड़े-बड़े पुलिस अधिकारियों से फोन करा कर प्रताड़ित कर रहा है, परेशान कर रहा है।
विवेक ने घरवालों को भी दी थी धमकी
श्रद्धा के पिता ने आरोप लगाया है कि उन्होंने जब विवेक को समझाने की कोशिश की तो विवेक ने उसे धमकाते हुए कहा कि मेरे संबंध बड़े पुलिस अफसरों से हैं, ज्यादा परेशान करोगे तो बहुत बुरा होगा। इस मामले में नामजद आईपीएस आशीष तिवारी वर्तमान में लखनऊ में स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स के एसपी के पद पर तैनात हैं, जिनके दोनों ही नंबर स्विच ऑफ हो गए हैं। वे पहले अयोध्या में रहे हैं।
पूर्व मंगेतर विवेक गुप्ता को अयोध्या पुलिस ने हिरासत में ले लिया है, लेकिन इस सुसाइड नोट में जिस अनिल रावत पुलिस फैजाबाद के नाम का जिक्र है वह अनिल रावत अभी भी पहेली बना हुआ है। पूरे अयोध्या जिले में अनिल रावत नाम का कोई नौजवान सिपाही नहीं है, ट्रैफिक ड्यूटी में एक अधेड़ उम्र के अनिल रावत है जो ट्रैफिक लाइन में ही रहकर ड्यूटी करते हैं।
कौन है आईपीएस आशीष तिवारी
2012 बैच के आईपीएस आशीष तिवारी को हाल ही में एसएसएफ (स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स) का पहला इंचार्ज बनाया गया है। भारतीय पुलिस सेवा में आने से पहले वह लंदन और जापान के बैंकों में जॉब करते थे। वहां उनकी सलाना सैलरी एक करोड़ रुपए थी। आशीष मूल रूप से मध्य प्रदेश के इटारसी के रहने वाले हैं। पिता कैलाश नारायण तिवारी, रेलवे इटारसी में सेक्शन इंजीनियर हैं। आशीष की 12वीं तक की पढ़ाई इटारसी के केंद्रीय विद्यालय में हुई। इसके बाद 2002 से 2007 तक उन्होंने कानपुर आईआईटी से कम्प्यूटर साइंस में बीटेक और फिर एमटेक कम्प्लीट किया।
2007 में ही वह कैंपस सिलेक्शन के दौरान लंदन की लेहमैन ब्रदर्स कंपनी में सिलेक्ट हुए, जहां उन्होंने डेढ़ साल काम किया। इसके बाद उन्होंने जापान के नोमुरा बैंक में डेढ़ साल जॉब की। दोनों बैंकों में एक्सपर्ट एनालिस्ट पैनल में उनका सिलेक्शन हुआ था।
2010 में आशीष ने वापस इंडिया आकर सिविल सर्विस की तैयारी की और 2011 में आईआरएस इनकम टैक्स में उनका सिलेक्शन हुआ। इसके बाद 2012 में उनका आईपीएस में सिलेक्शन हुआ। इसमें उन्होंने 219वीं रैंक हासिल की। 2013 में उनका आईपीएस ट्रेनिंग के दौरान एक बार फिर आईपीएस में सिलेक्शन हुआ और उन्हें 247वीं रैंक मिली।
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