सिलेंडर में गैस लीक होने के बाद लगी आग, धमाके के साथ फटा, मकान की छत ढही, मां, बेटे और बहू की मौत

चित्तौड़गढ़

चित्तौड़गढ़ की प्रतापनगर कॉलोनी में 19 मार्च को तड़के एक बड़ा हादसा हो गया। परिवार के लोग जब घर में सो रहे थे तब गैस लीक होने से सिलेंडर में आग लग गई और इसके बाद तेज धमाका हुआ इस धमाके से मकान की छत ढह गई।  इससे हुए हादसे में मकान के अंदर सो रहे एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई और चार लोग गम्भीर रूप से घायल हो गए। धमाका इतना तेज था कि  करीब आधा किलोमीटर तक उसकी गूंज सुनाई दी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना पर संवेदना व्यक्त की है। 
मरने वालों में परिवार का मुखिया पुरुषोत्तम भांभी (32) पुत्र  हीरालाल भांभी, इसकी पत्नी जमना बाई (30) और मां सजनी बाई (76) शामिल हैं। घायलों में पुरुषोत्तम का बेटा जयदीप (10), बेटी भूमि (13) , पुरुषोत्तम का छोटा भाई उमेश (31) हैं। इनके अलावा इंदौर से 5 दिन पहले पुरुषोत्तम के साढू का बेटा सूरज  (16) पुत्र अशोक भी यहां आया हुआ था, वह भी घायल हो गया।

हादसा तड़के करीब तीन बजे का बताया गया है। यहां रात्रि में परिवार के सभी सदस्य रसोई का कामकाज निपटा कर सो गए थे। तड़के अचानक रसोई से आग की लपटें निकलीं और वे कमरे तक पहुंच गई। रसोई में रखे तीन सिलेंडरों में से दो अलग-अलग गैस चूल्हे पर लगे थे और एक अन्य भरा हुआ रखा था। इनमें से किसी एक सिलेंडर की नली से रसोई गैस लीक कर रही थी और उसी ने आग पकड़ ली। चिंगारी कहां से आई, अभी इसकी जांच की जा रही है। लपटें एकदम तेजी से उठी और रसोई का सामान पूरी तरह जलकर रखा हो गया। इस दौरान तक परिवार की नींद नहीं टूटी। जब तक परिवार जागा तब तक आग कमरे तक फैली और यहां रखे सामान को भी जलाना शुरू कर दिया। आग की लपटों से निकली जहरीली गैस से पूरा कमरा भर चुका था और इसके साथ ही  जोरदार धमाके के साथ कमरे की छत व रसोई की दीवारें ढह गई।

धमाके की गूंज सुनते ही दौड़ पड़े पड़ौसी
धमाके की गूंज सुनते ही आसपास के लोग भारी संख्या में इकट्‌ठा हो गए। पुलिस व दमकल को फोन किया। दो दमकलें यहां मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाया गया। इसी दौरान एक दमकल व अन्य कारों से घायलों को अस्पताल ले जाया गया। वहां पहुंचे तो पता चला कि तीन की मौत मौके पर ही हो चुकी है, चार गंभीर रूप से घायल हैं।


हादसे का सबब: सोने से पहले केवल चूल्हा ही नहीं सिलेंडर से  रेगूलेटर को भी बंद करें। घर से बाहर निकलें तब भी यही नियम बना लें। वरना सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी।


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