रामेश्वरी देवी कन्या महाविद्यालय का कैंपस शुक्रवार को कुछ बदला-बदला दिखा — चेहरे पर मुस्कानें थीं, बैज चमक रहे थे और “हम बदलेंगे, समाज बदलेगा” के नारे गूंज रहे थे।
यह मौका था राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के तीन दिवसीय अभिविन्यास शिविर के समापन का, जो कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. करूणा गौर के निर्देशन में आयोजित हुआ।
भरतपुर
शिविर के अंतिम दिन छात्राओं में उत्साह देखते ही बनता था। एनएसएस प्रभारी योगेन्द्र सिंह ने स्वयंसेविकाओं को सेवा भावना का असली अर्थ समझाया और बताया कि आने वाले महीनों में कौन-कौन से सामाजिक कार्यक्रम होने जा रहे हैं।
श्रीमती अंशु गुप्ता, निशांत सिंह चौहान और सुश्री प्रीति मौर्य ने छात्राओं को एनएसएस के प्रतीक — बैज और डायरी — भेंट किए, जो अब उनके हर सेवा कार्य के साथी बनेंगे।
क्लासरूम से निकलकर जब बात भविष्य की योजनाओं पर आई तो सहायक आचार्य श्री विनय खंडेलवाल ने छात्राओं को कालीबाई, देवनारायण स्कूटी, सीएम छात्रवृत्ति, अजीज प्रेमजी स्कॉलरशिप जैसी योजनाओं की जानकारी दी — ताकि “सेवा के साथ शिक्षा भी मजबूत हो।”
इसके बाद छात्राओं ने भरतपुर के राजकीय संग्रहालय का भ्रमण किया। डॉ. करूणा गौर, डॉ. लालाशंकर गयावाल और डॉ. कविता आचार्य ने हरी झंडी दिखाकर बस रवाना की।
रास्ते में छात्राओं को भरतपुर के गौरवशाली इतिहास की झलकियाँ सुनाई गईं — “ये शहर सिर्फ लोहागढ़ का नहीं, बल्कि जज़्बे का भी है,” डॉ. गौर ने मुस्कराते हुए कहा।
संग्रहालय में अध्यक्ष राजन कुमार ने गांधीजी के जीवन की झांकियाँ दिखाईं और कहा —
“सेवा कभी छोटी नहीं होती, बस नीयत बड़ी होनी चाहिए।”
कार्यक्रम में एनएसएस सहायक देवी सहाय मीणा, मनीष पुरी, दीपक, प्रिया शर्मा, उज्जवल सैन, राहुल राणा सहित कॉलेज परिवार के सदस्य और सैकड़ों स्वयंसेविकाएँ मौजूद रहीं। तीन दिन तक चले इस शिविर ने छात्राओं के मन में सिर्फ सेवा नहीं, बल्कि संवेदना और नेतृत्व का भी बीज बो दिया है।
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