खेती से कमाई का नया फार्मूला | एमपीयूएटी में अमरुद आधारित बागवानी पर 36 किसानों को मिला प्रशिक्षण और संसाधन

एमपीयूएटी उदयपुर में अमरुद की उन्नत खेती को लेकर 36 किसानों को प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम में पौधे, उर्वरक, कीटनाशी और स्प्रे मशीन का वितरण किया गया।

अमरुद की उन्नत खेती को बढ़ावा देने और किसानों की आय में इजाफा करने के उद्देश्य से महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमपीयूएटी) में संचालित अखिल भारतीय समन्वित फल परियोजना के तहत अनुसूचित जाति उपयोजना में एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण एवं आदान वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में 36 किसानों ने भाग लेकर वैज्ञानिक खेती की बारीकियां सीखीं।

प्रशिक्षण सत्र में विषय विशेषज्ञ डॉ. के.के. यादव, डॉ. हरिसिंह एवं मदन बैरवा ने किसानों को अमरुद की उन्नत किस्मों, फल बाड़ी लगाने की वैज्ञानिक तकनीकों, पौध रोपण, देखभाल और उत्पादन बढ़ाने के उपायों की जानकारी दी। विशेषज्ञों ने किसानों को अमरुद के साथ पपीता, उनके थांवलों में कंद-मूलवाली फसलें तथा पेड़ों के बीच मौसमी सब्जियां उगाकर अतिरिक्त लाभ अर्जित करने की भी सलाह दी।

कार्यक्रम के समापन अवसर पर परियोजना प्रभारी डॉ. एस.एस. लखावत ने प्रशिक्षण में शामिल प्रत्येक किसान को अमरुद की उन्नत किस्म के 50 पौधे, उर्वरक, कीटनाशी दवाएं एवं स्प्रे मशीन वितरित की। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक तरीके से की गई बागवानी किसानों के लिए आय का स्थायी और लाभकारी साधन बन सकती है।

डॉ. एस.एस. लखावत ने कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान देने वाले सभी विषय विशेषज्ञों और किसानों के प्रति आभार व्यक्त किया और भविष्य में भी इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को तकनीकी सहयोग देने की प्रतिबद्धता जताई।

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