कोटा
कोटा विश्वविद्यालय (kota university) की वाणिज्य एवं प्रबंधन विभागाध्यक्ष डॉ. मीनू माहेश्वरी ने हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (Central University of Haryana) में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में बतौर मुख्य वक्ता भारत के विज़न 2047 की दिशा में लेखांकन और प्रबंधन के बदलते स्वरूप पर अपने विचार रखे।
10-11 सितम्बर को केंद्रीय विश्वविद्यालय, हरियाणा के कॉमर्स विभाग की ओर से आयोजित “Global Synergies for Viksit Bharat 2047: Innovation in Banking, Finance and Business Management for Sustainable Development” विषयक अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में डॉ. माहेश्वरी ने मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए कहा कि वाणिज्य और लेखांकन अब पारंपरिक बहीखातों तक सीमित नहीं रह गए हैं।
उन्होंने बताया कि जहाँ एक समय कंप्यूटर तकनीक ने लेखांकन में क्रांति लाई थी, वहीं अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), ब्लॉकचेन अकाउंटिंग, फिनटेक और सस्टेनेबिलिटी रिपोर्टिंग नए युग की दिशा तय कर रहे हैं।
डॉ. माहेश्वरी ने कहा कि आज कंपनियों के अंतिम खाते सिर्फ बैलेंस शीट और प्रॉफिट-लॉस तक सीमित नहीं हैं, बल्कि कॉर्पोरेट सोशल रिपोर्टिंग, कॉर्पोरेट गवर्नेंस, ESG (Environmental, Social and Governance) और ग्रीन अकाउंटिंग भी रिपोर्टिंग का अहम हिस्सा बन चुके हैं।
उन्होंने शोधार्थियों को प्रोडक्टिविटी अकाउंटिंग, बैलेंस्ड स्कोर कार्ड, एनवायरनमेंटल अकाउंटिंग जैसे उभरते विषयों पर शोध करने की प्रेरणा दी और कहा कि ऐसे शोध भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में योगदान देंगे। इस सत्र की अध्यक्षता जोधपुर विश्वविद्यालय के प्रो. एम.एल. वडेरा ने की।
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