जयपुर
फर्जी भुगतान को मंजूरी देने के कथित दबाव ने एक ग्राम विकास अधिकारी की जान ले ली। जयपुर की इंजीनियर्स कॉलोनी में ग्राम विकास अधिकारी प्रवीण कुमावत ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिवार ने सरपंच, उसके बेटे और एक महिला अधिकारी पर मानसिक प्रताड़ना का गंभीर आरोप लगाया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
रविवार देर रात पुलिस को इंजीनियर्स कॉलोनी में युवक के फांसी लगाने की सूचना मिली। पुलिस मौके पर पहुँची तो कमरे में वी.डी.ओ प्रवीण कुमावत का शव फंदे पर लटका मिला। शुरुआती जाँच में सामने आया कि प्रवीण कुमावत लंबे समय से अवसाद में था और कार्यस्थल पर बार-बार दबाव और धमकियों की शिकायत करता था।
परिजनों के आरोप
मृतक के भाई अशोक कुमावत ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि प्रवीण अजमेर जिले की कनोज ग्राम पंचायत में ग्राम विकास अधिकारी के रूप में कार्यरत था।
परिजनों का आरोप है कि सरपंच भागचंद्र नायक उसका बेटा बंटी नायक, खंड विकास अधिकारी दिशी शर्मा एवं कालूराम मीणा ने मिलकर 10 से 15 लाख रुपए तक के फर्जी भुगतान के लिए दबाव बना रहे थे। मना करने पर प्रवीण को धमकियां दी जाती थीं और लगातार मानसिक प्रताड़ना दी जा रही थी।
मृतक के भाई की शिकायत पर विवेक विहार थाने में नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और संबंधित दस्तावेज, भुगतान फाइलें एवं मोबाइल रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं। फिलहाल पुलिस सरपंच और आरोपित अधिकारियों की भूमिका की जांच में जुटी है। साथ ही, ग्राम पंचायत स्तर पर भुगतान प्रक्रियाओं की फाइलें भी तलब की गई हैं।
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