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भरतपुर (Bharatpur) के महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय (Maharaja Surajmal Brij University) में शिक्षा के नाम पर चल रहा ‘मॉल-चलन’ अब जमीन तक खुल चुका है। राज्यपाल एवं कुलाधिपति के निर्देश पर हुई विस्तृत जांच में निलंबित कुलपति प्रो. रमेश चन्द्रा और उनके चहेते अफसरों के जरिए सरकारी पैसे और नियमों को खुलेआम रौंदने का खेल प्रमाणों सहित पकड़ लिया गया है। राजभवन ने अब स्पष्ट आदेश दिया है— एफआईआर करो, वसूली करो और सख्त कार्रवाई करो।
राज्यपाल सचिवालय को भेजी गई भरतपुर संभागीय आयुक्त की विस्तृत रिपोर्ट में विश्वविद्यालय में वित्तीय व प्रशासनिक दोनों स्तरों पर बड़े पैमाने पर अनियमितताओं की पुष्टि हुई है। जांच में दोषी पाए गए नाम ये हैं —
- निलंबित कुलपति प्रो. रमेश चन्द्रा
- उपकुलसचिव अरुण कुमार पाण्डेय
- सहायक कुलसचिव प्रशांत कुमार
- परीक्षा नियंत्रक एवं तत्कालीन आहरण-वितरण अधिकारी फरवट सिंह
रिपोर्ट के बाद राजभवन ने आदेश जारी किए हैं कि —
1️⃣ सभी दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।
2️⃣ वित्तीय अनियमितताओं की पूरी वसूली कराई जाए।
3️⃣ संलग्न अधिकारियों पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो।
जांच में साफ हुआ कि भर्ती प्रक्रियाओं में नियुक्तियां मनमर्जी से दी गईं, वित्तीय स्वीकृतियां नियमों को दरकिनार कर जारी की गईं और प्रशासनिक फैसलों में पक्षपात को आधार बनाया गया। सरकारी निधियों का दुरुपयोग कर विश्वविद्यालय को सीधा आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया।
इस पूरे मामले को लगातार आवाज वैर विधायक एवं BoM सदस्य बहादुर सिंह कोली उठाते रहे। उनके द्वारा राजभवन और विधानसभा में किए गए हस्तक्षेप के बाद ही जांच की प्रक्रिया तेज हुई।
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