Bank Strike
जयपुर / दिल्ली। पब्लिक सेक्टर की दो बैंकों के निजीकरण के खिलाफ करीब देशभर में 10 लाख बैंक कर्मचारी 15 मार्च को दो दिन की हड़ताल पर चले गए। इससे बैंकों में कामकाज पूरी तरह ठप हो गया। हड़ताल से बैंक शाखाओं में जमा, निकासी सहित चेक क्लियरेंस और लोन अप्रूवल सर्विसेस आदि सेवाओं पर बुरी तरह प्रभाव पड़ा है। बैंक में काम से आए लोगों को बैरंग लौटना पड़ा। बैंक कर्मचारी 16 मार्च को भी हड़ताल पर रहेंगे। हड़ताल का आह्वान यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) की और से किया गया था।
द यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन की तरफ से पूरे देशभर में दो दिन की हड़ताल पब्लिक सेक्टर बैंकों को निजीकरण के हवाले करने और रेट्रोग्रेड बैंकिग रिफॉर्म के विरोध में की जा रही है। बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी विनिवेश योजना के हिस्से के रूप में 2 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) और एक बीमा कंपनी के निजीकरण की घोषणा की थी। इससे पहले सरकार ने 2019 में LIC में अपनी मल्टिपल हिस्सेदारी बेचकर IDBI बैंक का निजीकरण किया था।
जयपुर में विशाल प्रदर्शन
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) के आह्वान पर जयपुर में पहले दिन 15 मार्च को बैंक कर्मचारियों ने विशाल प्रदर्शन किया। जयपुर में ये बैंक कर्मचारी जीवन बीमा निधि परिसर अम्बेडकर सर्किल पर जमा हुए और प्रदर्शन करने के बाद सभा आयोजित की। इस प्रदर्शन में विभिन्न बैकों के हजारों कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। बैंक कर्मचारी नेताओं ने बैंकों के निजीकरण की कड़ी आलोचना की और नारा दिया ‘हम बैंक नहीं बिकने देंगे’। बैंक कर्मचारी प्रदर्शन ने हाथों पर बैनर व पोस्टर लेकर विरोध जताया। प्रदेश भर के बैंक मुख्यालयों पर सुबह 11 बजे से कर्मचारियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया।
UFBU में शामिल 9 यूनियन
हड़ताल का नेतृत्व करने वाली UFBU संस्था 9 यूनियनों का लीड कर रही है। सदस्यों में ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन (AIBEA), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन (AIBOC), नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ बैंक इम्प्लॉइज (NCBE), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (AIBOA), बैंक एंप्लॉइज ऑफ इंडिया (BEFI), भारतीय राष्ट्रीय बैंक कर्मचारी महासंघ (INBEF), भारतीय राष्ट्रीय बैंक अधिकारी कांग्रेस (INBOC), नेशनल बैंक ऑफ बैंक वर्कर्स (NOBW) और नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स (NOBO) शामिल हैं।
ग्रामीण बैंक सेवाओं पर भी व्यापक असर
यूनाइटेड फोरम ऑफ आर आर बी यूनियंस के आह्वान पर आल इंडिया रीजनल रूरल बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन द्वारा भी बैकों के निजीकरण के विरोधस्वरूप ग्रामीण बैंक के अधिकारी एवं कर्मचारी भी दो दिवसीय हड़ताल चले गए। जिससे 16000 से अधिक शाखाओं में दैनिक बैंकिंग लेनदेन प्रभावित हो गया।
60000 हज़ार से अधिक ग्रामीण बैंक के अधिकारी एवं कर्मचारी हड़ताल में शामिल है। लखनऊ में एसबीआइ के मुख्यालय पर कर्मचारियों ने निजीकरण के विरोध में जमकर नारेबाजी की। भारतीय स्टेट बैंक स्टाफ एसोसिएशन के महामंत्री के के सिंह और बैंक ऑफ इंडिया ऑफिसर एसोसिएशन के संरक्षक दिलीप चौहान ने बताया कि राष्ट्रीय कृत बैंकों के कर्मचारी हर स्तर पर सरकार की अपेक्षाओं पर खरे उतरे हैं इसके बावजूद भी सरकार द्वारा राष्ट्रीय कृत बैंकों का निजीकरण किया जा रहा है। निजी करण किसी भी दृष्टिकोण से न तो बैंक कर्मचारियों के हित में है और न ही आम जनमानस के। ऐसे में सरकार को बैंकों के निजीकरण किए जाने के फैसले को तत्काल वापस लेना होगा।
हड़ताल के कारण ठप रहेंगी बैंकिंग सुविधाएं
बैंक की हड़ताल की सूचना काफी दिन से दी जा रही थी, लेकिन इसके बावजूद भी कई ग्राहक जानकारी के आभाव में बैंक पहुंचे। बैंक के गेट पर ताला जड़ा देखकर उन्हें बैरंग लौटना पड़ा। बैंकिंग सेवा ठप रही जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
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