दर्द से धुरंधर बने भरतपुर के रुद्रांश खण्डेलवाल को मिलेगा अर्जुन अवार्ड | दर्द से विश्व रिकॉर्ड तक की अद्भुत उड़ान

भरतपुर (Bharatpur) के रुद्रांश खंडेलवाल (Rudransh Khandelwal) ने आतिशबाज़ी हादसे के बाद पैरा शूटिंग में विश्व रिकॉर्ड व 55+ पदक जीतकर अर्जुन अवार्ड (Arjuna Award) नामांकन तक का सफर तय किया।

 राजेश खंडेलवाल 


भरतपुर। छोटी उम्र में बड़ा हादसा… और फिर उसी हादसे से निकला ऐसा हौसला, जिसने भरतपुर के रुद्रांश खंडेलवाल को देश के सबसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय खेल पुरस्कार — अर्जुन अवार्ड के लिए नामित कर दिया। पैरा शूटिंग में विश्व रिकॉर्ड बना चुके और 55 से अधिक राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पदक जीत चुके रुद्रांश की कहानी यह साबित करती है कि जब पिता का संबल हो और मां का हाथ सिर पर — तो कोई भी विषम परिस्थिति इंसान की राह नहीं रोक सकती।

खुशी को तब लगी ऐसी नजर

रुद्रांश भी कभी दूसरे बच्चों की तरह ही था—स्कूल, खेल-कूद और शरारतें। लेकिन करीब एक दशक पहले कजिन बहन की शादी में वरमाला के दौरान आतिशबाज़ी के विस्फोटक हादसे ने उसकी दुनिया बदल दी। हादसे में एक पैर चला गया और चेहरे की हंसी मानो काफूर हो गई।

पिता ने बढ़ाई हिम्मत, मां ने दिखाई राह

हादसे के बाद चलना-फिरना मुश्किल हुआ, पढ़ाई ठप पड़ी और खेल तो सपना बन गया। बच्चों को खेलते देख आंखें भर आतीं। तभी पिता आशुतोष खंडेलवाल ने कंधा थामते हुए कहा— “चिंता मत कर, एक दिन तू भी चलेगा।” मां विनीता खंडेलवाल ने हर कदम पर हौसला दिया, रास्ता दिखाया—और यहीं से खेल की ओर नई यात्रा शुरू हुई।

“मम्मी, क्या मैं भी खेल पाऊंगा?”

विनीता खंडेलवाल बताती हैं कि करीब एक साल घर पर रहने के दौरान रुद्रांश दूसरे बच्चों को देखकर पूछता— “मम्मी, क्या मैं भी खेल पाऊंगा?” मां का जवाब हमेशा एक-सा रहा— “हां बेटा, जरूर।” यही भरोसा रुद्रांश की ताकत बना।

ऐसे हुई नई शुरुआत

एक बार विनीता खंडेलवाल, बीएड कॉलेज की छात्राओं को लोहागढ़ स्टेडियम लेकर गईं। वहां पहली बार एयर पिस्टल शूटिंग देखी। कोच से बात हुई—पता चला कि रुद्रांश इस खेल में भाग ले सकता है। इसके बाद आर्टिफिशियल पैर बनवाया गया और रुद्रांश ने शूटिंग की दुनिया में कदम रख दिया।

हर दिन दो घंटे की कड़ी मेहनत

शुरुआत आसान नहीं थी। प्रैक्टिस में दिक्कतें आईं, लेकिन जरूरी फिजिकल एक्सरसाइज नियमित कराई गईं। रुद्रांश खुद बताता है कि वह हर दिन करीब दो घंटे अलग-अलग एक्सरसाइज करता है। नतीजा—पिछले करीब चार साल से वह लगातार एयर पिस्टल शूटिंग की प्रतियोगिताओं में दमदार प्रदर्शन कर रहा है।

तब पीएम मोदी ने दी बधाई

एशियन पैरा गेम्स 2023 में सिल्वर मेडल जीतने पर रुद्रांश खंडेलवाल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बधाई दी। आज वही रुद्रांश अर्जुन अवार्ड की दौड़ में है—दर्द से धुरंधर बनने की मिसाल।

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