भरतपुर
भरतपुर के व्यापारियों ने एक जून से अपने कारोबार को खुलवाने के लिए सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। इसे लेकर भरतपुर जिला व्यापार महासंघ के जिलाध्यक्ष संजीव गुप्ता की अध्यक्षता में हुई एक वर्चुअल मीटिंग में सरकार से एक जून से सभी व्यापार को खोलने की अनुमति देने की मांग की गई। मीटिंग में इस मांग को लेकर 28 मई को सभी तहसीलों व शहर के व्यापारिक संगठनों द्वारा अपने-अपने स्तर पर जिला कलेक्टर, ADM, Sdm, तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देने का निर्णय किया गया।
मीटिंग में 1 जून से सभी ट्रेडर्स के व्यापार को खोलने की अनुमति देने की मांग का प्रस्ताव पास किया गया और संगठनों से कहा गया कि अपने-अपने इलाकों में अधिकारियों को ज्ञापन देकर सरकार पर दबाव बनाएं। महासंघ के जिला प्रवक्ता विपुल शर्मा ने बताया कि अभी भरतपुर जिले में कोरोना मरीजों की संख्या में भारी गिरावट है।अस्पतालों में भी लगभग लगभग 70 % से अधिक बेड खाली पड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए सरकार को एक जून से व्यापार को खोलने की अनुमति दे देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पड़ौसी राज्य उत्तर प्रदेश में भी 1 जून से संपूर्ण बाजार व व्यापारिक गतिविधियां पूर्ण समयावधि के साथ खोलने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। और भरतपुर जिले की सीमाएं भी उत्तर प्रदेश से लगती हैं। जिसके कारण लोकल आवागमन के द्वारा भी यहां के लोग बिना रोकटोक उत्तर प्रदेश से आसानी से सामान ला सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो इससे जहां जिले के व्यापारियों को आर्थिक नुकसान होगा, वहीं राजस्थान सरकार को भी टैक्स का नुकसान होगा।
ये भी पढ़ें
- वेतन कटौती और 12 घंटे ड्यूटी के विरोध में हड़ताल पर गए राजस्थान के 108-104 एम्बुलेंसकर्मी
- दौसा को मिला रोटरी में बड़ा सम्मान,रो. नवल खंडेलवाल बने रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3056 के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट सेक्रेटरी
- ठिठुरती शाम…
- 2434 करोड़ का बैंक फ्रॉड उजागर, PNB के लोन डूबे, SREI समूह की दो कंपनियां कटघरे में
- सात दिन; संस्कार और सेवा की साधना, RD Girls College में NSS शिविर का सांस्कृतिक-खेल उत्सव के साथ समापन
- भ्रष्टाचार पर ये कैसा जीरो टॉलरेंस! ACB के 600 से ज्यादा केस फाइलों में कैद, विभागों ने रोक रखी अभियोजन की चाबी
- स्टेट हाईवे पर मौत की रफ्तार | ट्रेलर–बोलेरो भिड़ंत, 5 की मौत, पूरा परिवार उजड़ गया
- नियम बदले तो भविष्य अंधकारमय! | संविदा नर्सेज ने काली पट्टी बांधकर सरकार को चेताया—भर्ती हो मेरिट + बोनस से
- कार्यस्थल की सुरक्षा पर सीधा संवाद | POSH Act-2013 पर RCCI–Council Quest का जागरूकता व इंटरएक्टिव सत्र सफल
- आम से बदलेगी जनजातीय खेती की तस्वीर | अम्बावी में आधुनिक आम बागवानी पर किसानों को मिला वैज्ञानिक मंत्र
व्यापारी नेताओं ने कहा कि बिना कोई राहत पैकेज दिए मध्यम वर्गीय व्यापारी को लॉक डाउन की बेड़ियों में जकड़ दिया गया है जिससे उसकी आर्थिक स्थिति नाजुक मोड़ पर पहुंच गई है। अगर सरकार व्यापारियों को कोई राहत पैकेज नहीं दे सकती तो कम से कम 1 जून से सभी ट्रेड के व्यापार को खोलने की अनुमति दे देनी चाहिए। ताकि व्यापारी अपने बैंकों की किस्तें, दुकानों/मकान के किराए, बिजली के बिलों, स्कूलों की फीस, कर्मचारियों की तनख्वाह आदि के बोझ से कुछ राहत पा सके।
