ई-मित्र संचालक ने मांगी 1.30 लाख की घूस, पंद्रह हजार लेते हुए साथी सहित दबोचा

अजमेर 

अजमेर जिले के ब्यावर में  एक  ईमित्र संचालक ने आर्थिक सहायता और रोगी प्रमाण पत्र दिलाने के नाम पर 1.30 लाख की घूस  मांगी और पंद्रह हजार रुपए लेते ACB ने उसे दबोच लिया। ACB उसके सहयोगी को भी गिरफ्तार किया है। आरोपी परिवादी से साठ हजार घूस पहले ही ले चुके थे।

ACB के DG बीएल  सोनी ने बताया कि परिवादी द्वारा शिकायत दी गई कि सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित होने के कारण उसे सरकार से मिलने वाली 3 लाख रुपए  की सहायता राशि के लिए  सरकारी चिकित्सक सिलिकोसिस रोगी प्रमाण पत्र बनवाने एवं सहायता राशि स्वीकृत की करवाने की एवज में ई-मित्र संचालक द्वारा 1 लाख 30 हजार रूपये रिश्वत राशि मांगकर परेशान किया जा रहा है। जिसपर एसीबी अजमेर के पुलिस अधीक्षक समीर कुमार सिंह के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन किया गया।

सत्यापन में शिकायत सही पाई गई। इसके बाद ACB ने  जिला राजसमंद देव डूंगरी निवासी डूंगर सिंह उर्फ कुशाल सिंह पुत्र दुर्गसिंह रावत हाल ई-मित्र संचालक सारौठ चौराहा देवाता, पं.स. जवाजा, जिला अजमेर और उसके सहयोगी सुरडिया निवासी चुन्नी सिंह पुत्र गोविन्द सिंह ( प्राईवेट व्यक्ति) को परिवादी से 15 हजाररुपए  रिश्वतलेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

उन्होंने बताया कि आरोपियों द्वारा परिवादी से सहायता राशि स्वीकृत कराने के नाम पर पहले ही 50 हजार रुपए  तथा शिकायत के सत्यापन के दौरान भी 10 हजार रुपए  रिश्वत राशि के रूप में वसूल कर लिए  थे।

आरोपियों के निवास एवं अन्य ठिकानों की तलाशीली जा रही है। एसीबी द्वारा मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत मामला दर्ज कर लिया है।

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