पायलट ने क्यूं संभाली गहलोत की गाड़ी की स्टीयरिंग, यहां जानें इसका राज

उदयपुर 

उदयपुर के वल्लभनगर विधानसभा उप चुनाव में पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की गाड़ी की  स्टीयरिंग क्या संभाली, सब लोग अपने-अपने अंदाज में उसका मतलब निकालने लगे। कोई कहने लगा कि अब राजस्थान की स्टीयरिंग भी सचिन पायलट के हाथ आने वाली है और गहलोत जाने वाले हैं। कोई बताने लगा कि सचिन कांग्रेस संगठन की बागडोर वापस संभालने वाले हैं और विधान सभाध्यक्ष सीपी जोशी मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।

इन कयासों के पीछे सबके अपने दमदार तर्क हैं, लेकिन वल्लभनगर में सचिन पायलट द्वारा अशोक गहलोत की गाड़ी की स्टीयरिंग संभालने का राज कुछ और था जो अब सामने आया है। इसकी कहानी बड़ी ही दिलचस्प है। दरअसल उदयपुर जिले के वल्लभनगर विधानसभा में उपखंड मुख्यालय पर कांग्रेस प्रत्याशी प्रीति शक्तावत के समर्थन में सभा को संबोधित करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी अजय माकन, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा हेलीकॉफ्टर से साथ ही आए थे। 

जब हेलीपैड से सभा स्थल पर जाने के लिए चारों नेता एक गाड़ी में सवार हुए तो गाड़ी की फ्रंट सीट पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बैठे, जबकि पीछे वाली सीट पर प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन और सचिन पायलट बैठ गए।

गाड़ी में पीछे वाली सीट पर सिर्फ दो लोग बैठ सकते थे। वहीं  गाड़ी को चालक चला रहा था। ऐसे में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पीछे की गाड़ी में बैठ गए। कुछ दूर चलने पर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने गहलोत से कहा कि पीसीसी चीफ अलग गाड़ी में रहेंगे तो ठीक संदेश नहीं जाएगा, उनको भी इधर बुला लें तो गाड़ी मैं चला लेता हूं। गहलोत ने पायलट की बात मान ली। इसके बाद  डोटासरा भी इसी गाड़ी में माकन के साथ पीछे की सीट पर  बैठ गए  और आगे गहलोत के पास पायलट ने स्टीयरिंग संभाल ली।

क्या आपने ये खबरें भी पढ़ीं?