सवाई माधोपुर में VIP नंबरों के गैर-कानूनी आवंटन का बड़ा घोटाला सामने आया है। फर्जी 7 डिजिट नंबर नए वाहनों को जारी किए जाने पर दौसा RTO जगदीश अमरावत को निलंबित कर दिया गया। विभागीय जांच में कर्मचारियों की मिलीभगत भी उजागर हुई है। दोषियों पर FIR दर्ज करने की तैयारी।
दौसा
राजस्थान परिवहन विभाग में VIP नंबरों की चालबाजियाँ आखिरकार बेपर्दा हो गईं। सवाई माधोपुर जिले में पुराने 7 डिजिट वाले VIP नंबरों की गैर-कानूनी री-इश्यूइंग का बड़ा घोटाला पकड़ में आने के बाद दौसा RTO जगदीश अमरावत को निलंबित कर दिया गया है।
जांच में सामने आया कि जिन पुराने वाहन नंबरों का कोई अस्तित्व ही नहीं था, वही नंबर नए वाहनों को “VIP” टैग देकर जारी किए जा रहे थे। यह खेल इतने आत्मविश्वास से खेला जा रहा था कि विभागीय बैकलॉग में भी फर्जी एंट्रियाँ डाल दी गई थीं।
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विभाग ने जब सवाई माधोपुर से रिपोर्ट मांगी, तो RTO अमरावत जांच रिपोर्ट देने में असफल रहे। इसे गंभीर लापरवाही माना गया। अपर आयुक्त रेणु खंडेलवाल की विस्तृत रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया कि यह सब विभागीय कार्मिकों की मिलीभगत से हुआ है।
इसके बाद परिवहन मुख्यालय ने मंत्रालय को निलंबन की अनुशंसा भेजी, जिस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए RTO को सस्पेंड कर दिया गया।
अब विभाग पूरा मामला खंगालने में जुट गया है—
किसने नंबर आवंटित किए?
किन वाहनों के नाम पर नंबर जारी हुए?
बैकलॉग में एंट्रियाँ किसने डालीं?
साथ ही मिलीभगत करने वाले कर्मचारियों पर FIR दर्ज करने के निर्देश दे दिए गए हैं। विभाग इस पूरे ‘VIP नंबर सिंडिकेट’ को जड़ से उखाड़ने की तैयारी में है।
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