जयपुर का नीरजा मोदी स्कूल कटघरे में | अमायरा केस में CBSE ने ठहराया दोषी, बुलिंग छुपाई… सबूत भी मिटाए

जयपुर 

जयपुर के सबसे प्रतिष्ठित स्कूलों में गिने जाने वाले नीरजा मोदी स्कूल पर अब देश की सबसे बड़ी शिक्षा बोर्ड CBSE ने ही उंगली उठा दी है। 9 साल की बच्ची अमायरा की मौत को लेकर बनी दो-सदस्यीय जांच कमेटी ने साफ लिखा है—स्कूल ने बुलिंग रोकने में भारी लापरवाही की, शिकायतें दबाईं, और घटना के बाद सबूतों से भी छेड़छाड़ के संकेत मिले हैं।

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1 नवंबर 2025 — वह दिन जब चौथी मंज़िल से कूद गई 9 साल की अमायरा

चौथी कक्षा की अमायरा ने स्कूल भवन से कूदकर जान दे दी थी। उसके बाद से पूरा राजस्थान हिल गया था, लेकिन स्कूल की ओर से न तो ठोस बयान आया, न कोई ऐक्शन। परिजनों के लगातार आरोपों के बाद जब मामला सोशल मीडिया पर उभरा, तब जाकर CBSE हरकत में आया।
CBSE की रिपोर्ट में बड़े खुलासे

🔴 18 महीने तक बुलिंग, पर स्कूल चुप रहा

बच्ची बार-बार शिकायत करती रही। ना काउंसलर, ना हस्तक्षेप, ना कोई ऐक्शन।

🔴 सबूत मिटाने का शक

फॉरेंसिक जांच से पहले क्लासरूम को साफ किया गया। CBSE ने इसे “सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका” बताया है।

🔴 CCTV फुटेज ने सच्चाई खोल दी

अमायरा की मां ने वह फुटेज दिखाई जिसमें—

  • बच्ची 45 मिनट में 5 बार मदद मांगती दिखती है
  • डिजिटल स्लेट पर गंदी बातें लिखी गई थीं
  • बच्ची रोती, शर्मिंदा दिखती है
  • टीचर ने उसे डांट दिया, काउंसलर के पास नहीं भेजा

ये CBSE की एंटी-बुलिंग नीति और POCSO नियमों का सीधा उल्लंघन है।

CBSE के सरप्राइज इंस्पेक्शन में भी स्कूल फेल

3 नवंबर को अचानक पहुंची टीम ने देखा—

  • छात्रों ने ID कार्ड नहीं पहने थे
  • सुरक्षा समिति मौजूद नहीं
  • स्टाफ को एंटी-बुलिंग ट्रेनिंग नहीं
  • इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षा मानक पूरे नहीं

यानी, स्कूल सिर्फ पढ़ाई में नहीं, सुरक्षा में भी बेपरवाह मिला।

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कड़ी कार्रवाई की तैयारी — CBSE का नोटिस जारी

CBSE ने पूछा है कि क्यों न एफिलिएशन बाय लॉज के चैप्टर-12 के तहत कार्रवाई की जाए?
संभावित दंड:

  • चेतावनी
  • भारी जुर्माना
  • एफिलिएशन डाउनग्रेड
  • कुछ महीनों के लिए निलंबन
  • मान्यता रद्द भी हो सकती है

स्कूल को 30 दिन का समय दिया गया है।
“हमें जवाब नहीं—न्याय चाहिए” : अमायरा के माता-पिता

माता-पिता की एक ही मांग है— जिनकी लापरवाही से बच्ची गई, उन्हें सजा मिले। यह मामला अब सिर्फ एक परिवार का नहीं, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र की सुरक्षा पर सवाल है।

फिलहाल, राज्यभर की निगाहें एक ही चीज़ पर टिकी हैं— क्या CBSE नीरजा मोदी स्कूल की मान्यता रद्द करेगा?

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