टोंक
उदयपुर की वादियों में मौज मस्ती करने जा रहे पांच दोस्तों में से चार की जयपुर-कोटा राष्ट्रीय राजमार्ग के सरोली मोड़ पर शुक्रवार रात आधी रात के बाद सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। एक गंभीर घायल को जयपुर रैफर कर किया गया है। सभी दोस्त भरतपुर जिले के निवासी बताए गए हैं। पुलिस दुर्घटना के कई घंटों बाद यह पता नहीं लगा पाई की दुर्घटना कर फरार हुआ वाहन कौनसा है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि दूनी की ओर से आई ट्रेक्टर ट्रॉली की टक्कर से यह भीषण हादसा हुआ।
इन दोस्तों ने रात करीब साढ़े गयारह बजे राजमार्ग के एक ढाबे पर खाना भी खाया। खाना खाने के बाद सभी उदयपुर के लिए रवाना हो गए। इसी दौरान अचानक सरोली मोड़ चौराहे पर किसी वाहन से उनकी कार टकरा गई। अचानक हुई दुर्घटना में चार दोस्तो की मौके पर मौत हो गई, जबकि एक गंभीर घायल हो गया।

चौराहा स्थित होटल पर बैठे लोग भागकर मौके पर गए और पुलिस को सूचना देकर कार में बुरी तरह फंसे मृतकों एवं घायल को बाहर निकाला। पुलिस ने मृतकों के शवों को दूनी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया जबकि गंभीर घायल को टोंक रेफर कर दिया। हालत गंभीर होने पर उसे जयपुर रेफर कर दिया गयां, जहां उसका उपचार जारी है। शनिवार सुबह परिजनों के पहुंचने पर पुलिस ने पोस्टमार्टम करा शवों को उन्हें सौंप दिया।

घाड थाना प्रभारी भंवर लाल मीणा ने बताया कि सभी मृतक व घायल भरतपुर जिले के कामां निवासी हैं। ये सभी लोग कार में सवार होकर शुक्रवार रात को उदयपुर घूमने के लिए जा रहे थे। देर रात करीब पौने एक बजे सरोली मोड़ तिराहे पर यह दर्दनाक हो गया। हादसे में पूरी कार चकनाचूर हो चुकी थी और मृतकों के शव उसमें बुरी तरह से फंसे हुए थे। चारों के शवों को स्थानीय लोगों की मदद से बाहर निकाल पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

पुलिस के मुताबिक सभी मृतक भरतपुर जिले के कामां के रहने वाले थे। मृतकों की उम्र 20 से 22 वर्ष के बीच बताई जा रही है। हादसे का शिकार हेमंत अग्रवाल पुत्र राजेंद्र अग्रवाल, दिवाकर शर्मा पुत्र पवन शर्मा, अरिहंत जैन पुत्र कुमकुम उर्फ राजू जैन और कृष्णा पुत्र बाबूलाल सैनी हैं। गुलशन पुत्र हरभजन राजपूत घायल हो गया है।

बर्थडे सेलिब्रेशन का था प्लान
चारों दोस्त भरतपुर से उज्जैन घूमने के लिए निकले थे। सभी का उदयपुर में अरिहंत का जन्मदिन उदयपुर में सेलिब्रेट करना था। वहां से उज्जैन के लिए रवाना होना था। हादसे में मरने वालों में हेमंत की बर्तन की दुकान थी। दिवाकर जिम का संचालन करता था। गुलशन पढ़ाई करता था। अरिहंत की पत्थर की टाल थी और वह अपने अपने माता-पिता का अकेला लड़का था। हादसे के बाद व्यापार महासंघ के आह्वान पर कामां तहसील के बाजारों को बंद रखने का फैसला किया है।
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