भरतपुर
रामेश्वरी देवी कन्या महाविद्यालय (RD Girls College) में आंतरिक गुणवत्ता निर्धारण प्रकोष्ठ (IQAC) एवं शोध समिति के तत्वावधान में एक विशेष शोध परामर्श कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महाविद्यालय के शिक्षकों को शोध कार्य, शोध लेखन एवं प्रकाशन की बारीकियों से अवगत कराना था।
प्राचार्य डॉ. सुजाता चौहान ने अपने उद्बोधन में कहा, ‘कॉलेज शिक्षा में आने के बाद हर प्राध्यापक का सपना होता है कि वह पीएचडी उपाधि प्राप्त करे। शोध लेखन, संगोष्ठी प्रस्तुति और प्रकाशन जैसे आयाम करियर एडवांसमेंट स्कीम (CAS) में मील के पत्थर साबित होते हैं।’ उन्होंने सभी शिक्षकों को गुणवत्तापूर्ण और मौलिक शोध के लिए प्रेरित किया।
अकादमिक प्रभारी डॉ. करुणा गौर ने कहा, ‘हमारे शोध में नवीनता होनी चाहिए। जब किसी शोध पर हमारा नाम जुड़ता है, तो वह काम बेहतर और श्रेष्ठ होना चाहिए।’ उन्होंने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंचों पर शोध वाचन को शिक्षकीय गरिमा से जोड़ा।

IQAC प्रभारी डॉ. अंजू पाठक ने इसे आईक्यूएसी की कार्य योजना का एक प्रमुख हिस्सा बताते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन प्राध्यापकों को शोध कार्य की दिशा और दशा तय करने में मदद करते हैं। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम शिक्षकों को शोध की यात्रा में एक सशक्त मार्गदर्शन प्रदान करता है।
कार्यक्रम के अंत में शोध समिति की सदस्य डॉ. सरोज ने धन्यवाद ज्ञापन किया और कहा कि ऐसा आयोजन वर्ष में दो-तीन बार होना चाहिए, ताकि सभी आचार्यगण इससे लाभान्वित होकर अपने शोध को नई दिशा और गति दे सकें।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त आचार्य, सह आचार्य एवं सहायक आचार्यगण की सक्रिय भागीदारी रही। सभी ने इस आयोजन की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए इसे ‘शोध की प्रेरणा का स्रोत’ बताया।
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