पुस्तक समीक्षा: वाणी के जादूगर उद्घोषकों के लिए अद्भुत पुस्तक ‘वाक्‌ कला’

कीर्ति, काव्य और ऐश्वर्य की श्रेष्ठता उसके सर्वहिताय एवं मांगलिक प्रयोजन में निहित है। रचनाकार का दृष्टिकोण सर्वभूतहिते होने पर ही उसकी सार्थकता होती है। हिन्दी साहित्य के मर्मज्ञ विद्वान