हमारा परिचय हम से कराती है भगवद्गीता: अग्रवाल

आत्मकल्याण के लिए आवश्यक है हम अपने स्वरूप को पहचानें कि हम हैं कौन? गीता हमारा परिचय हम से कराती है। ये विचार