भरतपुर में मंत्री के प्रोटोकॉल के चक्कर में चली गई बच्चे की जान, ट्रैक्टर ट्रॉली ने कुचला, बड़े भाई की हालत गंभीर

भरतपुर 

भरतपुर में सर्कुलर रोड पर नितिन हॉस्पिटल के सामने मंत्री के प्रोटोकॉल के चक्कर में एक बच्चे की जान चली गई और उसका बड़ा भाई गंभीर रूप से घायल हो गया। उसको अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

जानकारी के अनुसार मंत्री सुभाष गर्ग एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे। इसके लिए प्रशासन की ओर से भारी प्रोटोकॉल था जिसमें आयोजन स्थल की तरफ पुलिस ने एकतरफ का रास्ता बंद कर दिया। बताया जाता है कि इसी  दौरान दोनों भाई अपने चाचा के लड़के के साथ साइकिल पर बैठ कर अपने पुराने मकान पर जा रहे थे। इकतरफा यातायात और पुलिस की व्यवस्थाओं को देखकर एक बाइक ने साइड से निकलने के प्रयास में उनकी साइकिल को टक्कर मार दी। जिससे तीनों बच्चे नीचे गिर गए। तभी बगल से चल रही मिट्टी से भरी एक ट्रैक्टर ट्रॉली के पिछले पहिए के नीचे एक बच्चा आ गया जिससे उसकी मौत हो गई।

बच्चों के बाबा पूरन सैनी ने बताया कि दोनों भाई जितेंद्र 4 साल और दिलीप 7 साल अपने चाचा के लड़के दीपक 14 साल के साथ अपने पुराने घर जा रहे थे। बच्चों के गिरते ही ट्रैक्टर ट्रॉली का पिछला पहिया जितेंद्र के सिर पर और दिलीप के पैर पर चढ़ गया। मथुरा गेट थाना पुलिस ने ट्रैक्टर ट्रॉली चालक को पकड़ लिया है। मिट्टी से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली को जब्त कर लिया गया है। जिससे पूछताछ जारी है।

जिस समय घटना घटित हुई उस समय मंत्री ओम कंपलेक्स में एक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे घटना घटित होते ही मंत्री ने पुलिस को दोनों दुर्घटनाग्रस्त बच्चों को अस्पताल पहुंचाने को आदेशित किया और फिर कार्यक्रम में शरीक हो गए इस बीच मंत्री के इस रवैये पर वह सोशल मीडिया पर ट्रोल होने लगे सोशल मीडिया पर खिंचाई होने के बाद मंत्री पीड़ित परिवार के घर पहुंचे और ढांढ़स बंधाया बच्चे ओम कंपलेक्स के बगल में प्रिंस नगर के निवासी बताए गए

गुस्साए लोगों ने किया रास्ता जाम
घटना से गुस्साए लोगों ने सर्कुलर रोड जाम लगा दिया। रोड जाम की सूचना पर भारी संख्या में पुलिस और SDM मौके पर पहुंचे। लोगों का कहना था कि  होटल में आए  दिन कार्यक्रम के कारण  VIP लोग आते रहते हैं जिसकी वजह से इकतरफा यातायात कर दिया जाता है। जिसके कारण होटल के सामने आए दिन हादसे होते रहते हैं। पुलिस ने लोगों को समझाया और राज्य सरकार द्वारा मृतक बच्चे के परिवार को 1 लाख रुपये आर्थिक सहायता देने का वादा किया। तब जाकर रोड जाम को खोला गया।

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