REET-2021 Paper Leak Scam: गहलोत सरकार ने डा. बनय सिंह को कॉलेज आयुक्तालय से हटाया, जहां भेजा वहां हो गया विरोध

जयपुर 

REET-2021 Paper Leak Scam में फजीहत दर फजीहत झेल रही राजस्थान की गहलोत सरकार ने अपनी और किरकिरी होने से बचने के लिए कॉलेज आयुक्तालय में तैनात हिंदी के प्रोफ़ेसर और NSS के प्रदेश समन्वयक डा. बनय सिंह को वहां से अब हटा दिया है और उनको अलवर जिले में राजगढ़ के राजकीय महाविद्यालय में उपस्थिति देने के आदेश दिए गए हैं। लेकिन जैसे ही इसकी वहां के लोगों को भनक लगी तो वहां विरोध हो गया।

आपको बता दें डा.बनय सिंह मुख़्यमंत्री गहलोत के सब चहेते मंत्रियों में एक मंत्री डा. सुभाष गर्ग के खास हैं। डा. बनय सिंह वही हैं जो REET-2021 Paper Leak Scam में भी आरोपों को झेल रहे हैं। भाजपा सांसद डा. किरोड़ी लाल मीना डा. बनय सिंह पर पेपर लीक मामले में कई गंभीर आरोप लगा चुके हैं। उनका डा. बनय सिंह पर आरोप है कि वही पेपर लीक मामले के असली सूत्रधार हैं। जिनको गहलोत सरकार बचाने की कोशिश कर रही है। डा. बनय सिंह पर  आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने ही अपने चहेतों को निजी संस्थानों में REET का कॉर्डिनेटर नियुक्त करवाया।

राजगढ़ कॉलेज के बाहर धरना देते हुए विद्यार्थी

केवल एक माह के लिए हटाया, ताकि ठंडा हो जाए मामला
दिलचस्प ये है कि REET-2021 Paper Leak Scam में डा. बनय सिंह का नाम उछलता देख सरकार ने अपनी किरकिरी होने से बचने के लिए डा. बनय सिंह को कॉलेज आयुक्तालय से हटा दिया और केवल एक माह के लिए ही अलवर स्थित राजगढ़ के राजकीय महाविद्यालय में काम संभालने के निर्देश दिए गए हैं।  सूत्रों ने बताया कि सरकार ने यह कदम ठंडा होने के लिए उठाया है। सरकार को उम्मीद है कि  एक माह में मामला ठंडा हो जाएगा। सरकार के आदेशों में साफ़ लिखा है कि डा. बनय सिंह  को प्रशासनिक और शैक्षणिक व्यवस्थाओं के संपादन करने के लिए राजगढ़ कॉलेज में लगाया गया है। लेकिन कोई  इसका उत्तर नहीं दे रहा है कि राजगढ़ में ऐसा कौनसा काम आ गया जिसमें एक माह के लिए डा. बनय सिंह को लगाना पड़ा। यदि कोई ऐसा बड़ा काम था भी तो सरकार को इस काम के लिए कोई और क्यों नहीं मिला।

इस बीच  डा. बनय सिंह के आदेश होते ही राजगढ़ में उनका विरोध शुरू हो गया। वहां छात्रों ने आज धरना दिया और कहा कि REET पेपर लीक में बनय सिंह  का नाम आ रहा है और सरकार ने मामले में लीपापोती करने के लिए  विधानसभा सत्र को देखते हुए सिर्फ 1 महीने को प्रतिनियुक्ति पर राजकीय महाविद्यालय में लगा दिया। उन्होंने कहा कि सुभाष यादव और बीएस बैरवा को निलंबित करके अपराध स्थल (शिक्षा संकुल ) पर ही हेड क्वार्टर दे दिया गया था, कड़ा विरोध हुआ तो मुख्यालय बदल कर बीकानेर डूंगर महाविद्यालय किया गया। अब सुभाष यादव का आदेश पुनः बदल कर जयपुर किशन पोल करना साबित करता है कि सरकार सिर्फ लीपापोती कर रही है।

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