भरतपुर में दर्दनाक हादसा: दो सांडों की लड़ाई ने ले ली एक की जान

भरतपुर 


कब जागेगा भरतपुर नगर निगम 


भरतपुर शहर में गुरुवार शाम को दर्दनाक हादसा हो गया एक पचास वर्षीय व्यक्ति दो सांडों की लड़ाई के बीच में फंस गया और उसकी जान चली गई इस हादसे के बाद भरतपुर नगर निगम के आवारा पशु पकड़ने के दावों पर सवालिया निशान लग गया है

मृतक की पहचान नगला पीपली निवासी सरनदयाल सिंह (50) पुत्र सुखपाल सिंह के रूप में हुई है। वह  भरतपुर शहर की विजय नगर कॉलोनी, सारस चौराहे  के पास  किराए के मकान में रहते थे। हादसा उस समय हुआ जब सरनदयाल सिंह मंदिर से वापस घर लौट रहे थे। इसी दौरान वे सड़क पर लड़ रहे सांड़ों के बीच फंस गए इसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए और उनको तुरंत एक निजी अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है

कमीशनखोरी से फुर्सत मिले तो पकड़ें जाएं आवारा पशु
इस दर्दनाक हादसे ने भरतपुर नगर निगम की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। निगम इलाके में चारों तरफ आवारा पशु घूमते नजर आ जाएंगे। रोज कहीं न कहीं लोग इनसे चुटेल होते रहते हैं। लेकिन निगम आवारा पशुओं को पकड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं लेता। आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए लाखों रुपए का बजट आता है, लेकिन उसका आपसी मिलीभगत के चलते कागजों में ही जमाखर्च हो जाता है।

जनता गुहार लगाए तो कहां लगाए?
आवारा पशु के साथ ही बंदरों की धमाचौकड़ी से भी भरतपुर शहर के लोग दिनभर सहमे-सहमे रहते हैं। लेकिन इसका बजट भी हजम हो जाता है। नगर निगम में शहर की जनता का कोई धणी-धोरी नजर नहीं आता। पार्षद भी यदाकदा कोरी बयानबाजी के बाद शांत बैठ जाते हैं। जनता की पीड़ा यही है कि वह अपने गुहार लगाए तो कहां लगाए? ये आवारा पशु जनता की परेशानी का सबब बने हुए हैं।

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