जयपुर
जयपुर जेडीए में सभी 287 JEN के बेमियादी हड़ताल पर चले जाने के बाद शहर के विकास कार्य ठप हो गए हैं। अब उनके समर्थन में AEN भी इस हड़ताल में शामिल हो गए हैं। इस कारण सारे काम ठेकेदारों के भरोसे छोड़ दिए गए हैं। हड़ताल के कारण दिवाली पर सड़कों के पेचवर्क तक कार्य प्रभावित हो रहा है। सोमवार को JDA परिसर में कनिष्ठ अभियंता (JEN) एकत्र हुए और विरोध प्रदर्शन किया। कनिष्ठ अभियंताओं की मांग है कि उनका प्रमोशन किया जाए।
कनिष्ठ अभियंताओं का कहना है कि प्राधिकरण के कुछ अधिशासी अभियंता अपने चहेते ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए उन्हीं से काम करवा रहे हैं। बिना जेईएन के निगरानी के पेचवर्क करवाया जा रहा है।
आपको बता दें कि JDA में नगरीय विकास विभाग के 287 कनिष्ठ अभियंता सेवारत हैं और उनमें समयानुसार पदोन्नति नहीं मिलने के कारण काफी समय से असंतोष बना हुआ है। कोई सुनवाई नहीं होने के बाद सभी अब बेमियादी हड़ताल पर चले गए हैं और AEN भी उनके समर्थन में इस हड़ताल में शामिल हो गए हैं।
मंत्री और अफसर खेल रहे ‘आश्वासन’ की फुटबाल
आंदोलनकारी JEN की मांगों को लेकर विभाग के मंत्री और अफसर ‘आश्वासन’ की फ़ुटबाल खेल रहे हैं। आंदोलनकारी JEN ने बताया है कि सरकार के मंत्री, संयुक्त शासन सचिव तृतीय व प्रमुख शासन सचिव द्वारा सकारात्मक आश्वासन मिलने पर सभी कनिष्ठ अभियंताओं द्वारा हड़ताल स्थगति कर दी गई थी एवं दिनांक 12.10.2021 की प्रमुख शासन सचिव द्वारा पुनः पदोन्नति संबंधी मांगों पर चर्चा हेतु प्रतिनिधिमंडल को बुलाया गया था। लेकिन प्रमुख शासन सचिव ने प्रतिनिधिमंडल की मांगों पर असहमति जता दी और कहा कि विभाग के मंत्री स्तर से ही सकारात्मक कार्यवाही संभव है।
आपको बता दें कि JDA में नगरीय विकास विभाग के 287 कनिष्ठ अभियंता सेवारत हैं और उनमें समयानुसार पदोन्नति नहीं मिलने के कारण काफी समय से असंतोष बना हुआ है। कई बार ज्ञापन देने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होने पर सभी अब बेमियादी हड़ताल पर चले गए हैं और AEN भी उनके समर्थन में इस हड़ताल में शामिल हो गए हैं। उनकी हड़ताल 6 अक्टूबर से चल रही है। आश्वासन के बाद इसे ख़त्म कर दिया गया था। इससे पहले एक अक्टूबर से पैन-डाउन हड़ताल कर प्रशासन को आगाह कर दिया था।
सरकार के मंत्री वार्ता करने का भी समय नहीं दे रहे
एक तरफ JDA के कनिष्ठ अभियंताओं की हड़ताल के कारण शहर के विकास कार्यों पर असर पड़ना शुरू हो गया ह , लेकिन विभाग के मंत्री इसके बाद भी आंदोलनकारियों को वार्ता तक का समय नहीं दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में सभी कनिष्ठ अभियंता 21अक्टूबर से सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार करते हुए एकबार फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। कनिष्ठ अभियंताओं का आरोप है कि उन्होंने विभागीय कार्यों के साथ ही सरकार की सभी योजनाओं व आपातकालीन परिस्थितियों में दिए गए सभी कार्यों का सदैव निष्ठा से पालन किया , लेकिन सरकात उनके साथ भेदभाव व असहयोगात्मक रवैया अपने हुए है।
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