गोवंश संवर्धन के नाम पर करोड़ों रुपए का फर्जी भुगतान, नगर निगम नहीं ले रहा दोषी अफसरों के खिलाफ एक्शन

भरतपुर 

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नगर निगम भरतपुर में गोवंश संवर्धन के नाम पर करोड़ों रुपए का फर्जी भुगतान करने का मामला सामने आया है। नगर निगम ने इन करोड़ों रुपयों का भुगतान आवारा गाय, सांड को  पकड़ने एवं उनके भूसा चारा, हरा चारा की सप्लाई करने और  गौशाला की चौकीदारी हेतु लगाए गए संविदा कर्मियों के लिया किया था। पर हकीकत में कागजों में फर्जीवाड़ा कर मिलीभगत से भुगतान उठा लिया गया। भरतपुर नगर निगम के वार्ड 23 के पार्षद कपिल फौजदार ने निगम के महापौर को एक चिट्ठी लिखकर उनका इस घोटाले की ओर ध्यान आकृष्ट किया है और मांग की है कि इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। पत्र में इस घोटाले का पूरा ब्यौरा दिया गया है।

सूखे चारे की एवज में मिट्टी युक्त गला हुआ भूसा एवं बाजरे की कड़वी की कर दी सप्लाई
इस पत्र के अनुसार नगर निगम भरतपुर क्षेत्र से आवारा पशुओं गाय, बछड़ा को पकड़वा कर गौशाला आश्रय स्थल में टैग लगवा कर भिजवाने का कार्य 25 लाख  रुपए एवं गोवंश आश्रय स्थल से पकड़े गए आवारा पशुओं को परिवहन से स्थानीय व बाहरी  गौशालाओं में पहुंचाने का कार्य पांच लाख, आवारा गोवंश हेतु चारा, भूसा एवं दाना सप्लाई लागत पांच लाख एवं  इकरन स्थित नंदी गौशाला पर माली व चौकीदार लगाने के लिए 10 .97 में लाख रुपए, सूखा चारा सप्लाई लागत ₹600000, हरा चारा सप्लाई लागत ₹300000 आदि कार्यों की निविदाएं गौशाला संचालन एवं गौ संवर्धन हेतु चहेते  संवेदक को दिए।  जबकि हकीकत ये है कि गौशाला इकरन एवं आश्रय स्थल पर कभी भी हरा चारा एवं दाने की सप्लाई नहीं की गई। सूखे चारे की एवज में मिट्टी युक्त गला हुआ भूसा एवं बाजरे की कड़वी की सप्लाई कर गेहूं के भूसे की दर से भुगतान किया जाता रहा है। इसके अतिरिक्त नगर निगम क्षेत्र से गोवंश पकड़ने का जो टेंडर हुआ है उसमें आवारा पशु, गाय सांड हजारों की तादाद में पकड़ने की एवज में लाखों रुपए का भुगतान संवेदक को  निगम द्वारा किया गया है जबकि अधिकांश गोवंश को गांव के किसानों द्वारा गांव से लाकर नगर निगम की गौशाला में छोड़ा है जिसका फर्जी भुगतान निगम ने संवेदक को कर दिया है

बिना टैग लगाए एवं बिना गिनती किए गोवंश पकड़ने का कर दिया  लाखों का फर्जी भुगतान
पत्र में बताया गया कि इसी तरह नगर निगम की मिलीभगत से 2 माह पूर्व निविदा की शर्तों के अनुसार पकड़े गए गोवंश के टैग नहीं लगाए गए। बिना टैग लगाए एवं बिना गिनती किए गोवंश पकड़ने के लाखों रुपए की फर्जी भुगतान हुआ है। नगर निगम भरतपुर द्वारा इकरन नंदी गौशाला की चौकीदारी एवं वृक्षारोपण लगाने के लिए मालियों का टेंडर किया गया। जिन चौकीदार एवं मालियों का अता पता नहीं है उनका भी फर्जी भुगतान नगर निगम भरतपुर द्वारा संवेदक को किया जा रहा है। इससे पूर्व एक नंदी गौशाला में छप्पर आदि लगवाने के नाम पर लाखों रुपए खर्चा किया जा चुका है। नंदी गौशाला में पशुओं के लिए पीने का पानी, छायादार स्थान एवं चारे की व्यवस्था नहीं है। नगर निगम द्वारा गेहूं के भूसे की एवज में स्वीकृत उच्च दर पर बाजरे की कड़वी सप्लाई ली जा  रही है जिसको गोवंश खाता नहीं है जिसके कारण गोवंश भूखे मरने के कगार पर खड़ा हुआ है। वही नंदी गौशाला पर चारे की सप्लाई की नाप तोल के लिए कोई धर्म कांटा नहीं है। कम नापतोल का ज्यादा नाप तोल के रूप में भुगतान कर निगम कोष को लाखों रुपए की क्षति पहुंचाई जा रही है। इसके साथ ही आवारा कुत्तों का साम्राज्य स्थापित हो चुका है जो घायल और मृत पशुओं के साथ-साथ जीवित छोटे बछड़े को अपना शिकार बना रहे हैं। पात्र में मांग की गई कि इन सब घोटालों की जांच की जाए।





 

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