नई दिल्ली
आने वाले महीनों में आपकी टेक होम सैलरी घट सकती है लेकिन आपको ओवरटाइम का फायदा मिल सकता है। दरअसल ऐसा नए श्रम कानून से होने जा रहा है। अभी केंद्र सरकार ने इस कानून को होल्ड पर रखा हुआ है क्योंकि राज्य सरकारें इसके लिए कोई खास तैयारी नहीं कर पाई हैं। वरना केंद्र की तैयारी इसे इसी साल एक अप्रेल से ही लागू करने की थी। उम्मीद की जा रही है कि आगामी एक जून से नए श्रम कानून लागू हो जाएंगे। इसके लागू होने के बाद आपकी टेक होम सैलरी घट जाएगी लेकिन इससे ओवरटाइम मिलने लगेगा। वहीं कुछ और दूसरे फायदे भी मिलने लगेंगे। देश के इतिहास में पहली बार इस प्रकार से श्रम कानून में बदलाव किए जा रहे हैं। सरकार का दावा है कि नियोक्ता और श्रमिक दोनों के लिए फायदेमंद साबित होंगे।
एक जून से लागू हो सकते हैं नए श्रम कानून
आपको बता दें कि नए श्रम कानून लागू होने के बाद आपके काम के घंटों से लेकर आपकी ग्रेच्युटी और पीएफ में भी बड़ा बदलाव होने वाला है। अभी फ़िलहाल राज्यों की तैयारी न होने और कंपनियों को एचआर पॉलिसी बदलने के लिए अधिक समय देने के कारण ये कानून होल्ड पर हैं। एक जून से नए श्रम कानून लागू हो सकती है। इससे कर्मचारियों की ग्रेच्युटी और भविष्य निधि (पीएफ) मद में बढ़ोतरी होगी। वहीं, हाथ में आने वाली टेक होम सैलरी घट जाएगी। यहां तक कि कंपिनयों की बैलेंसशीट भी प्रभावित होगी।

भत्ते कुल सैलेरी के अधिकतम 50 फीसद होंगे
वेज (मजदूरी) की नई परिभाषा के तहत भत्ते कुल सैलेरी के अधिकतम 50 फीसद होंगे। यानी मूल वेतन (सरकारी नौकरियों में मूल वेतन और महंगाई भत्ता) अप्रेल से कुल वेतन का 50 फीसदी या अधिक होना चाहिए।
काम के घंटे हो जाएंगे 12 और हर पांच घंटे में आधा घंटे का विश्राम
यदि ये कानून लागू होते हैं तो आपके काम के अधिकतम घंटे बढ़ कर 12 हो जाएंगे। ओएसच कोड के ड्राफ्ट नियमों में 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिनकर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है। मौजूदा नियम में 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम योग्य नहीं माना जाता है। ड्राफ्ट नियमों में किसी भी कर्मचारी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम कराने को प्रतिबंधित किया गया है। कर्मचारियों को हर पांच घंटे के बाद आधा घंटे का विश्राम देने के निर्देश भी ड्राफ्ट नियमों में शामिल हैं।
हफ्ते में मिलेंगी तीन छुट्टी
नए श्रम कानून के तहत कोई कर्मचारी अगर 4 दिन में 48 घंटे का काम कर लेता है तो, उसे हफ्ते में 3 दिन छुट्टी लेने का अधिकार रहेगा. लेकिन इसके लिए कर्मचारियों को रोजना के हिसाब से अपने काम के घंटे बढ़ाने होंगे। यानी पहले आप एक दिन में 8 घंटे काम करते थे तो आपको 12 घंटे काम करना होगा। तभी 4 दिन में 48 घंटे पूरे होंगे।

ऐसे घटेगा वेतन और ऐसे बढ़ेगा पीएफ
नए ड्राफ्ट रूल के अनुसार, मूल वेतन कुल वेतन का 50% या अधिक होना चाहिए। इससे ज्यादातर कर्मचारियों की वेतन संरचना बदलेगी, क्योंकि वेतन का गैर-भत्ते वाला हिस्सा आमतौर पर कुल सैलेरी के 50 फीसदी से कम होता है। वहीं कुल वेतन में भत्तों का हिस्सा और भी अधिक हो जाता है। मूल वेतन बढ़ने से आपका पीएफ भी बढ़ेगा। पीएफ मूल वेतन पर आधारित होता है। मूल वेतन बढ़ने से पीएफ बढ़ेगा, जिसका मतलब है कि टेक-होम या हाथ में आने वाला वेतन में कटौती होगी।
रिटायरमेंट की राशि में होगा इजाफा
नए कानून से लोगों को रिटायरमेंट के बाद सुखद जीवन जीने में आसानी होगी। ग्रेच्युटी और पीएफ में योगदान बढ़ने से रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली राशि में बढ़ोतरी होगी। उच्च-भुगतान वाले अधिकारियों के वेतन संरचना में सबसे अधिक बदलाव आएगा और इसके चलते वो ही सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। पीएफ और ग्रेच्युटी बढ़ने से कंपनियों की लागत में भी वृद्धि होगी। क्योंकि उन्हें भी कर्मचारियों के लिए पीएफ में ज्यादा योगदान देना पड़ेगा। इन चीजों से कंपनियों की बैलेंसशीट भी प्रभावित होगी।
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