जयपुर / भरतपुर
भरतपुर (Bharatpur) के कामां (kaman) में 15 साल पहले जज (judge) के घर खून की होली खेलने वाला खूनी प्रवीण उर्फ लाला आखिर पुलिस के हत्थे चढ़ गया। राजस्थान पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) ने उसे शुक्रवार तड़के गाजियाबाद (Ghaziabad) की तंग गलियों से दबोचा।
यह वही प्रवीण है, जिसने 29 जुलाई 2010 को पुरानी रंजिश के चलते तत्कालीन जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामेश्वर दयाल रोहिल्ला के परिवार पर हमला कर उनके पिता खेमचंद रोहिल्ला और भाई गिर्राज प्रसाद की गोली मारकर नृशंस हत्या कर दी थी। इस हमले में एडवोकेट राजेंद्र प्रसाद, प्रमिला और अंजू भी गोलियों से घायल हुए थे।
घटना के बाद से प्रवीण फरार हो गया और 15 साल तक पुलिस, CBI और सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देता रहा। CBI ने उस पर 5 लाख का इनाम रखा था, लेकिन वह बदले हुए नाम और फर्जी पहचान के सहारे गाजियाबाद में छिपकर जी रहा था।
लेकिन, दिनेश एमएन की निगरानी और ASP सिद्धांत शर्मा के नेतृत्व में बनी AGTF टीम ने हार नहीं मानी। हेड कांस्टेबल महेंद्र कुमार, राम अवतार और अभिमन्यु कुमार सिंह ने डेढ़ साल तक गाजियाबाद और दिल्ली की गलियों में दिन-रात घूमकर उसके ठिकाने की तलाश की। 19 अगस्त की सुबह 4 बजे, जब शहर सो रहा था, पुलिस ने छापा मारा और 15 साल से फरार इस खूनी को जकड़ लिया।
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