राजस्थान अभियोजन विभाग द्वारा जारी नए ACR फॉर्मेट को अवैधानिक और अव्यावहारिक बताते हुए राजस्थान प्रॉसिक्यूशन एसोसिएशन ने विरोध जताया है। अध्यक्ष प्रतिभा पुरोहित ने आज शाम जयपुर में आपात बैठक बुलाई है, जिसमें सभी अधिकारियों से सुझाव मांगे गए हैं। बाहर पदस्थ अधिकारी VC से जुड़ सकेंगे।
जयपुर
अभियोजन विभाग में वार्षिक कार्य मूल्यांकन (ACR) के नए प्रारूप ने अधिकारियों में गहरी नाराज़गी पैदा कर दी है। 26 नवंबर 2025 को जारी इस नए फॉर्मेट को लेकर राजस्थान प्रॉसिक्यूशन एसोसिएशन ने इसे “अवैधानिक, अव्यावहारिक और सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के विपरीत” बताया है।
नए मूल्यांकन मानदंडों के प्रारंभिक अवलोकन के बाद साफ संकेत मिले हैं कि फॉर्मेट में शामिल कई बिंदु अदालत में अभियोजन अधिकारियों की वास्तविक कार्यप्रणाली, उपलब्ध संसाधनों और दैनिक परिस्थितियों से मेल नहीं खाते। अधिकारियों का कहना है कि ये मानदंड पूरा कर पाना लगभग असम्भव है, जिससे न सिर्फ भविष्य प्रभावित होगा, बल्कि रोज़मर्रा की न्यायालयीन कार्यशैली पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा।
एसोसिएशन की अध्यक्ष प्रतिभा पुरोहित ने इस मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श के लिए आज शाम 4 से 5 बजे तक कमरा नंबर 119, न्यू बिल्डिंग, जयपुर में अधिकारियों की आपात बैठक आहूत की है। उन्होंने अभियोजन संवर्ग के सभी अधिकारियों से उपस्थिति और सुझाव देने की अपील की है।
जयपुर से बाहर के अधिकारी भी दे सकेंगे सुझाव
बाहर पदस्थापित अधिकारी VC और ग्रुप पर लिखित सुझाव भेजकर बैठक में अपनी सहभागिता दर्ज करा सकेंगे। प्रतिभा पुरोहित ने कहा कि यह विषय संवर्ग के भविष्य से जुड़ा है, इसलिए सभी अधिकारियों की भागीदारी बेहद जरूरी है।
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