दाक्षायणी से दक्षिणामूर्ति प्रिया | अनुपम, अलौकिक एवं अद्भुत प्रणय गाथा

डॉ. डी. डी. गोयल कृत दाक्षायणी से दक्षिणामूर्ति प्रिया शिव-सती-पार्वती की अलौकिक प्रेमगाथा का भावसमृद्ध, सरस और साहित्यिक पुनर्पाठ है, जो श्रीरामचरितमानस (बालकाण्ड) के शिव-सती

विश्व कला दिवस: संवाद की राह बनाती है कला

15 अप्रैल को विश्वकला दिवस है। वर्ष 2011 ई. में अन्तर्राष्ट्रीय कला संघ ने गवाडलजारा, मेक्सिको में अपनी 17 वीं आम सभा का आयोजन किया। इसमें महान इतालवी पुनर्जागरण कालीन कलाकार लिओनार्दो दा विंची की जयंती को विश्व कला दिवस मनाये जाने का सर्व सम्मति से निर्णय किया। सर्वप्रथम 15 अप्रेल 2012 ई. में

जयपुर में राष्ट्रीय कला मेले का भव्य आगाज़: रंगों और भावनाओं का दिव्य संगम

जयपुर (Jaipur) के जवाहर कला केंद्र (Jawahar Kala Kendra) में कला और संस्कृति की एक अद्भुत यात्रा का शुभारंभ हो चुका है। राजस्थान ललित कला अकादमी (Rajasthan Lalit Kala Academy) के सहयोग से

पारिजात…

श्वेत पंखुड़ियों का स्पर्श मधुर,
हरसिंगार मानो चित्रित स्वप्न,
सजीव रंगों का जादू सा सिंगार,

सौंदर्य…

सौंदर्य से सजी यह दुनिया,
रंगों का मधुर संगम समाया।
मनमोहक आकर्षण इसका

नीड़ का बुनकर…

बया; बुनकर नीड़ का,
मार्गदर्शक युगों का,
प्रेरणा पा बया से; फिर,