जहां सास बनी ममता की छांव, वहीं बहू का ससुराल बना प्रेम का गांव | परिवारों को जोड़ने और टूटते रिश्तों को संवारने की RSS की अनूठी  कोशिश

रिश्ते सिर्फ खून के नहीं होते, कुछ रिश्ते प्यार, सम्मान और समझ के धागों से भी बुने जाते हैं। ऐसा ही एक अनोखा आयोजन हुआ, जहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की ओर से सास-बहू सम्मेलन

खुशियां सजाएं

आओ, कुछ खूबसूरत ख्वाबों को देखें,
सखियों के संग, कुछ कहकहे लगा लें,
कुछ देर तो विश्राम लें, अपने कामों से,
मायके को याद कर थोड़ा मुस्कुरा लें।