जयपुर
सचिन बोले- हमसे किए गए वादे 10 महीने बाद भी पूरे नहीं
राजस्थान कांग्रेस में एकबार फिर बड़े घमासान की शुरूआत हो चुकी है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने करीब दस महीने की शांति के बाद फिर से मोर्चा खोला है। इस बार उन्होंने तीन सदस्यीय सुलह कमेटी की रिपोर्ट 10 महीने बाद भी नहीं आने पर नाराजगी जताई है और एक प्रकार से अपने आलाकमान को ही घेर लिया है। राज्य में कैबिनेट विस्तार और राजनीतिक नियुक्ति न होने पर सचिन पायलट ने हाईकमान पर निशाना साधा और कहा है कि राजस्थान में समस्या सुलझाने में कमेटी पूरी तरह से विफल रही है। सचिन पायलट ने कहा कि हमसे किए गए वादे 10 महीने बाद भी पूरे नहीं हो पाए हैं। उन्होंने कहा कि यह अफसोसजनक बात है कि जिन कार्यकर्ताओं ने पार्टी को सत्ता तक पहुंचाया, उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। उनका कहना था कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार का आधा कार्यकाल खत्म हो चुका है, लेकिन अभी तक कार्यकर्ताओं को सम्मान नहीं मिला है।
आपको बता दें कि पिछले साल राजस्थान में सचिन पायलट खेमे की बगावत के बाद कांग्रेस की तीन सदस्यीय सुलह कमेटी बनी थी। तब सचिन खेमे को भरोसा दिया गया था कि जल्दी ही सुलह कमेटी की की रिपोर्ट आएगी और सचिन गुट की समस्याओं का समाधान कर दिया जाएगा। पर समस्याओं का समाधान तो दूर सुलह कमेटी की रिपोर्ट तक नहीं आई है। इसी बात पर सचिन पायलट नाराज चल रहे हैं। पायलट ने खुलकर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि 10 महीने हो गए हैं और उनसे किए वादे पूरे नहीं किए हैं।
पायलट ने कहा, ‘मुझे समझाया गया था कि सुलह कमेटी तेजी से एक्शन लेगी, लेकिन आधा कार्यकाल पूरा हो चुका है और वे मुद्दे अब भी अनसुलझे ही हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन कार्यकर्ताओं ने पार्टी को सत्ता में लाने के लिए रात-दिन मेहनत की और अपना सब कुछ लगा दिया, उनकी सुनवाई ही नहीं हो रही है।’
सचिन पायलट पहले भी जता चुके हैं नाराजगी
सुलह कमेटी को लेकर पायलट की नाराजगी कोई पहली बार सामने नहीं आई है, बल्कि पहले भी अपने गुस्से का इजहार कर चुके हैं। 14 अप्रेल को कहा था, ‘कई महीनों पहले एक कमेटी बनी थी। मुझे विश्वास है कि अब और ज्यादा देरी नहीं होगी। जो चर्चाएं की थीं और जिन मुद्दों पर आम सहमति बनी थी, उन पर तुरंत प्रभाव से कार्रवाई होनी चाहिए और ऐसा होगा मुझे लगता है। मुझे सोनिया गांधी पर पूरा विश्वास है, उनके आदेश पर ही कमेटी बनी थी। अभी कमेटी में दो सदस्य हैं। उपचुनाव और पांच राज्यों के चुनाव थे, वे भी खत्म होने को हैं तो मुझे नहीं लगता कि अब कोई ऐसा कारण है कि उस कमेटी के फैसलों को लागू करने में और देरी होगी।’ अब पायलट के ताजा बयान से कांग्रेस में एक बार फिर घमासान के संकेत मिल रहे हैं।
कुछ तो बात है, कुछ तो खास है
कांग्रेस में बगावत का यह धुंआ दूसरी बार कोई यूं ही नहीं उठ रहा। सचिन पायलट खेमे में अंदरखाने कुछ खिचड़ी पक रही है। पायलट के एक समर्थक हेमाराम चौधरी इलाके के विकास के कामों की अनदेखी के मुद्दे पर 18 मई को इस्तीफा दे चुके हैं। अब सचिन पायलट के ताजा बयान के बाद उनकी नाराजगी एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है। पिछले साल सचिन पायलट राजस्थान कांग्रेस के करीब डेढ़ दर्जन विधायकों के साथ गुरुग्राम के मानेसर चले गए थे। हाईकमान के हस्तक्षेप के बाद वे वापस कांग्रेस में लौटे। बाद में कांग्रेस ने पायलट मामले को सुलझाने के लिए 11 अगस्त को केसी वेणुगोपाल, अहमद पटेल और अजय माकन को शामिल करते हुए एक कमेटी सुलह बनाई थी। अब नाराजगी इसी सुलह कमेटी की रिपोर्ट नहीं आने को लेकर है। इस सुलह कमेटी का काम सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों की मांगों को सुनकर उसके आधार पर हाईकमान को रिपोर्ट देना था।, लेकिन अब तक उसकी रिपोर्ट का ही अता-पता नहीं है। सचिन पायलट ने उस वक्त ही कहा था कि यह कमेटी तत्काल रिपोर्ट देगी और उस पर एक्शन होगा। लेकिन अब मांगों पर कार्रवाई नहीं होने से पायलट खेमे का सब्र जवाब दे रहा है।
कमेटी सदस्यों पर साधा निशाना, गहलोत को बख्शा
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने हाईकमान की ओर से बनाई गई कमेटी सदस्यों पर निशाना साधा और अपने धुर विरोधी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बख्श दिया। पायलट इस बार गहलोत के खिलाफ बयान देने से बचते रहे। पर सचिन ने आलाकमान को जमकर घेरा और कहा कि कमेटी के सदस्य केसी वेणुगोपाल छह महीने से राजस्थान नहीं आए हैं, दूसरे सदस्य अजय माकन सिर्फ राजनीतिक नियुक्ति की बातें कह कर चले जाते हैं। अभी तक एक भी काम नहीं हुआ है। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सचिन पायलट खेमे को किनारे करने के लिए ही लगातार कैबिनेट विस्तार को टालते आ रहे हैं। लेकिन पायलट गुट की कोशिश है कि जल्द से जल्द मंत्रिमंडल का विस्तार हो। राजनीतिक नियुक्तियां भी इसी वजह से टाली जा रही हैं।
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