भरतपुर के कच्चे परकोटे का प्रकरण प्रशासन शहरों के संग अभियान में शामिल नहीं करने पर जताया आक्रोश

भरतपुर 

नगर निगम भरतपुर में प्रशासन शहरों के संग अभियान 2021 के शुभारंभ कार्यक्रम में सरकार की ओर से आए प्रभारी भरतपुर प्रमुख शासन सचिव शिखर अग्रवाल एवं जिला कलक्टर भरतपुर को कच्चा परकोटा नियमन संघर्ष समिति भरतुपर के प्रतिनिधि मण्डल ने एक ज्ञापन देकर भरतपुर शहर के चारों ओर के कच्चे परकोटे की गैर मुमकिन भूमि पर परम्परागत रूप से 40 वर्ष पूर्व से काबिज लोगों को पट्टे देने हेतु अलग से गाइड लाइन जारी करने तथा बी-नारायण गेट स्थित धीमर बस्ती को कच्ची बस्ती से निकालकर स्टेट ग्रान्ट के तहत पट्टे देने की मांग की।

संघर्ष समिति की ओर से पूर्व नेता प्रतिपक्ष इन्द्रजीत भारद्वाज ने प्रभारी सचिव एवं जिला कलक्टर भरतपुर को अवगत कराया कि प्रशासन शहरों के संग अभियान में भरतपुर शहर के कच्चे परकोटे पर काबिज लगभग 2000 परिवारों को नगर निगम भरतपुर द्वारा पट्टे देने हेतु शामिल नहीं किया गया है और न ही सरकार की ओर से कच्चे परकोटे के पट्टे देने के लिए आदेश व निर्देश एवं गाइड लाइन अलग से चिन्हित कर जारी की गई है।

ज्ञापन में बताया गया कि नगर निगम भरतपुर द्वारा कच्चे परकोटे के लोगों से आवेदन भी नहीं लिए जा रहे हैं, जबकि भरतपुर प्रवास के दौरान गत 7 अगस्त, 2021 को स्वायत्त शासन मंत्री ने संघर्ष समिति को आश्वासन दिया था कि प्रशासन शहरों के संग अभियान में शहर के कच्चे परकोटे पर काबिज लोगों को रियायती दरों पर नियम कानून एवं मापदण्डों में शिथिलता देते हुए पट्टे दिए  जाएंगे। लेकिन सरकार द्वारा जारी की गई गाइड लाइन में कच्चे परकोटे के प्रकरण को अभी तक शामिल नहीं किया गया है।

संघर्ष समिति ने ज्ञापन में परकोटे के निवासियानों को पट्टे देने हेतु सरकारी स्तर से गाइड लाइन जारी नहीं होने तथा नगर निगम भरतपुर द्वारा पट्टे के लिए आवेदन नहीं लेने एवं सरकार की भेद-भाव व पक्षपातपूर्ण कार्यवाही पर रोष व्यक्त किया गया।

संघर्ष समिति ने ज्ञापन में चेतावनी दी है कि कच्चे परकोटे पर काबिज 2000 परिवारों को पट्टे देने से वंचित रखा गया तो संघर्ष समिति गांधीवादी तरीके से धरना प्रदर्शन, आन्दोलन करेगी। प्रतिनिधि मण्डल ने बी-नारायण गेट धीमर बस्ती को कच्ची बस्ती से निकालकर स्टेट ग्रान्ट के तहत पट्टे देने की भी मांग की।

प्रतिनिधि मण्डल में संघर्ष समिति के संयोजक जगराम धाकड़, उप संयोजक श्रीराम चंदेला, श्रीकृष्ण कश्यप, पार्षद चतरसिहं सैनी, पार्षद भूपेन्द्र पण्डा, पार्षद मुकेश पप्पू, ओमप्रकाश शर्मा, राजकुमार शर्मा, समन्दर सिहं, नसीर खान, मानसिंह सागर, अशोक कुमार, राजवीर सिंह चौधरी, विजय सिंह, कालूराम, सरदार भगत सिंह, हरीसिंह, राधेश्याम शर्मा, पुरूषोत्तम, बनय सिंह, किशनलाल हवलदार, प्रहलाद गुप्ता सहित दो दर्जन परकोटा निवासियान शामिल थे।

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