अगले क्षण का कुछ पता नहीं…

सबसे पहले हम
उसी का हाथ छोड़ते हैं,
जिसका हाथ सबसे पहले

मां, मां होती है…

मां, मां होती है
जब हम गर्भ में आते हैं
तब से कष्ट सह रही होती है।

ये तो निर्मल जल गंगा है अविरल इनको बहने दो…

हम सभी उम्र के उस पड़ाव से गुजर रहे हैं जब हम बच्चों का करियर बनाना चाहते हैं। हमारी ढेर सारी अभिलषाएं हैं। हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर उच्च से उच्च पदों पर पहुंचें और

चलो, आज कुछ अच्छा करते हैं…

चलो, आज कुछ अच्छा करते हैं।
कष्टों से रोती दुनिया में