अब समय आ गया है कि विवेकाधीन कोटे के आधार पर सार्वजनिक संपत्तियों का आवंटन खत्म किया जाए। क्योंकि यह भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और पक्षपात को बढ़ावा
अब समय आ गया है कि विवेकाधीन कोटे के आधार पर सार्वजनिक संपत्तियों का आवंटन खत्म किया जाए। क्योंकि यह भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और पक्षपात को बढ़ावा