मन दर्पण में मन के विचारों की अनुभूति को प्रतिच्छादित करने का प्रयास स्तुत्य है। मानवीय संवेदनाओं को शब्दों में निरुपित किया गया है। आत्मकथ्यात्मक शैली में
मन दर्पण में मन के विचारों की अनुभूति को प्रतिच्छादित करने का प्रयास स्तुत्य है। मानवीय संवेदनाओं को शब्दों में निरुपित किया गया है। आत्मकथ्यात्मक शैली में