देश की राजधानी में सुलझेगी राजस्थान की रार, सचिन का दिल्ली में डेरा

नई हवा ब्यूरो 

नई दिल्ली। राजस्थान कांग्रेस में आर पार के ‘WAR’ के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के धुर विरोधी पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने 11 जून की देर शाम दिल्ली में अपना डेरा डाल दिया। गहलोत से नाराज सचिन दिल्ली में 13 जून तक रहेंगे। राजस्थान कांग्रेस में मचे घमासान के बीच पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने उन्हें दिल्ली बुलाया है। सचिन की प्रियंका गांधी के अलावा पार्टी के दूसरे बड़े नेताओं से भी मुलाकात हो सकती है। हालांकि अभी सचिन ने अपनी मुलाकात को लेकर कोई पत्ता नहीं खोला है। पर जानकारों का मानना है कि सचिन पार्टी से पिछली बगावत के बाद बनी सुलह कमेटी और उनसे किए गए वादों की अनदेखी को लेकर आलाकमान को साफ-साफ़ बताने वाले हैं। सचिन की दिल्ली में पार्टी नेताओं से मुलाकात इसलिए भी और अहम हो जाती है क्योंकि सचिन के पास खोने को अब कुछ और नहीं हैं। इसलिए वे पूरे आरपार के मूड में हैं। कांग्रेस आलाकमान इस बात को भलीभांति समझ गया है कि सचिन को नहीं संभाला तो आगामी विधानसभा चुनाव में सचिन पार्टी का बहुत बड़ा बिगाड़ करने की ताकत जरूर रखते हैं। इसीलिए आलाकमान पार्टी की और किरकिरी होने से बचने के लिए  सक्रिय हो गया  है।

पायलट दिल्ली में कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी अजय माकन और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से भी मुलाकात कर सकते हैं। ये दोनों ही नेता पायलट के मुद्दे को लेकर पिछले साल बनाई गई सुलह कमेटी में शामिल हैं। हालांकि इस कमेटी की रिपोर्ट 10 महीने बाद भी नहीं आई है और पायलट की नाराजगी की वजह भी यही है। आपको बता दें कि पिछले साल जुलाई में सचिन पायलट ने राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत कर दी थी। वह अपने समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली पहुंच गए थे और बीजेपी में शामिल होने की खबरों के बीच ऐन वक्त पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें मना लिया था।

पायलट खेमे ने एकबार फिर खुलकर जताई नाराजगी
एक बार फिर पायलट के खेमे ने यह कहना शुरू कर दिया है कि पायलट से किए गए वादों को अभी तक पूरा नहीं किया गया है। उनके कई समर्थक विधायकों ने खुलकर नाराजगी जाहिर की है। पायलट के करीब आधा दर्जन विधायकों ने जयपुर के सिविल लाइन्स स्थित उनके निवास पर उनसे मुलाकात भी की। इस बीच पायलट खेमे के विधायक पी आर मीणा ने शुक्रवार को कहा कि ‘मैं पायलट के साथ था, पायलट के साथ हूं और उनके साथ ही रहूंगा।’ उन्होंने कहा कि राज्य में कैबिनेट विस्तार होना चाहिए क्योंकि अनेक विधायक इंतजार कर रहे हैं। पार्टी आलाकमान को इस बारे में जल्द फैसला करना चाहिए क्योंकि हर कोई इंतजार कर रहा है। पार्टी आलाकमान को पायलट द्वारा उठाए गए मुद्दों का समाधान करना चाहिए।

पायलट के एक और करीबी विधायक हेमाराम चौधरी ने शुक्रवार को यहां पायलट से मुलाकात की। चौधरी ने विधानसभा की सदस्यता से अपना इस्तीफा पिछले महीने विधानसभा अध्यक्ष को भेजा था। पायलट से मुलाकात के बाद चौधरी ने कहा कि उन्होंने अपने दिल की आवाज सुनते हुए इस्तीफा दिया। उन्होंने कहा, लोग मुझसे इस्तीफा वापस लेने की अपील कर सकते हैं। लेकिन इस बारे में फैसला मुझे करना है।

बीजेपी में जाने की अटकलों को किया खारिज
इस बीच सचिन पायलट ने भाजपा नेता रीता बहुगुणा जोशी पर तंज कसते हुए कहा कि हो सकता है कि भाजपा नेत्री ने सचिन तेंदुलकर से बात की हो। पायलट ने कहा कि बहुगुणा में उनसे बात करने की हिम्मत नहीं है। भाजपा नेता बहुगुणा ने पिछले दिनों कहा था कि उन्होंने कथित तौर पर नाराज चल रहे कांग्रेस नेता से भाजपा में शामिल होने के बारे में बात की थी। इस बारे में यहां जब सचिन पायलट से पूछा गया तो उन्होंने तल्ख लहजे में कहा, ‘ रीता बहुगुणा जोशी ने जो कहा कि सचिन से बात की है, तो हो सकता है कि उन्होंने सचिन तेंदुलकर से बात की हो। मेरे से बात करने की हिम्मत नहीं है।’




 

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