उच्च शिक्षा में चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू करने से पहले भौतिक और मानवीय संसाधनों का संपूर्ण आकलन किया जाए: रुक्टा (राष्ट्रीय)

जयपुर  

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रुक्टा (राष्ट्रीय) ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग की है कि उच्च शिक्षा में चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू करने से पहले भौतिक और मानवीय संसाधनों का संपूर्ण आकलन किया जाए। मालूम हो कि बजट बहस में मुख्यमंत्री ने आगामी वर्ष से चरणबद्ध रूप में प्रदेश में उच्च शिक्षा में चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू करने की बात की है।

रुक्टा (राष्ट्रीय) के प्रदेश महामंत्री  नारायण लाल गुप्ता ने कहा कि अभी देशभर में इस प्रणाली को लागू करने या ना लागू करने पर गंभीर बहस चल रही है। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली को लागू करने से पहले भौतिक और मानवीय संसाधनों का संपूर्ण आकलन करना भी बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के लिए शिक्षकों की संख्या समुचित मात्रा में बढ़ानी होगी और पर्याप्त भौतिक संसाधन विकसित करने होंगे। इसके बिना यह प्रणाली अपने लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर सकती। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार इस संबंध में गहनता से विचार करेगी तथा अन्य राज्यों में इसके परिणामों का अध्ययन कर समुचित निर्णय लेगी।

महाविद्यालयों में सुदृढ़ीकरण एवं भवन निर्माण के लिए अभी  तीन सौ करोड़ की और जरूरत
रुक्टा (राष्ट्रीय) के प्रदेश महामंत्री  नारायण लाल गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजकीय महाविद्यालयों में सुदृढ़ीकरण एवं भवन निर्माण के लिए आगामी वर्ष में 100 करोड रुपए व्यय करने की घोषणा की है। उन्होंने इस पर मुख्यमंत्री का आभार जताया और कहा है कि वैसे राजस्थान के महाविद्यालयों की जैसी दशा है उसे देखते हुए तीन सौ करोड़ रुपए की और आवश्यकता थी। पर सरकार ने इस दिशा में  कुछ सोचना तो शुरू किया। वरना कॉलेज शिक्षा की ओर  अभी तक कोई ध्यान ही नहीं था।

रुक्टा (राष्ट्रीय) के प्रदेश महामंत्री ने कहा कि इस संबंध में उनके संगठन ने सरकार पर चौतरफा दबाव बनाया था। मुख्यमंत्री को बजट से पूर्व भेजे गए ज्ञापन एवं विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के माध्यम से सरकार के द्वारा भवन राशि स्वीकृत नहीं करने को संगठन ने उठाया था। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने  भी नए खोले गए महाविद्यालयों के लिए बजट स्वीकृत नहीं करने पर सदन में गंभीर आपत्ति व्यक्त की थी।

रुक्टा (राष्ट्रीय) के प्रदेश महामंत्री ने कहा कि संतोष का विषय है कि मुख्यमंत्री ने विषय की गंभीरता एवं आवश्यकता को समझा और सौ करोड रुपए की राशि इस हेतु देने की घोषणा की। हालांकि यह राशि पूरी तरह पर्याप्त नहीं है, न्यूनतम तीन सौ करोड रुपए की राशि की और आवश्यकता है। लेकिन अंततः इस ओर सोचा तो गया और कदम उठाया गया, इसके लिए संगठन मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करता है।






 

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