नई हवा ब्यूरो
यूके हाईकोर्ट में दिवालिया याचिका पर हारा शराब कारोबारी विजय माल्या
लंदन/ नई दिल्ली। एनपीए की मार से जूझ रहे देश के बड़े बैंकों के लिए एक अच्छी खबर आई है। और यह खुश खबर आई है लंदन से। दरअसल भारत के भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ ब्रिटिश कोर्ट में एक मामला चल रहा था। अब जाकर इसका फैसला आया है। ब्रिटिश कोर्ट ने विजय माल्या के खिलाफ फैसला सुनाया है। आपको बता दें कि विजय माल्या ने भारत की इन बड़ी बैंकों से 9000 करोड़ का कर्ज लिया था और भाग गया था। ब्याज के बाद अब यह रकम 14000 करोड़ की हो गई है। चूंकि विजय माल्या की संपत्ति पर सिक्योरिटी कवर लगा हुआ था इसलिए भारत के ये बैंक अपने पैसे की वसूली नहीं कर पा रहे थे। इसी सिक्योरिटी कवर को हटाने की मांग स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाली कंसोर्टियम ने की थी जिसे अब ब्रिटिश कोर्ट ने मान लिया है। ऐसे में अब ब्रिटिश कोर्ट का फैसला विजय माल्या के खिलाफ आने से इन बैंकों को 14000 करोड़ की वापसी की उम्मीद हो गई है। बैंक विजय माल्या की संपत्ति को बेच कर अपना पैसा वसूल सकेंगे।
कंसोर्टियम में ये बैंक हैं शामिल
जिन बैंकों ने विजय माल्या को 9000 करोड़ का कर्ज दिया उन सबने मिलकर भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में एक कंसोर्टियम बना लिया था। अपने पीटिशन में SBI की अगुवाई वाली भारतीय बैंकों के कंसोर्टियम ने लंदन हाइकोर्ट में अपील की थी कि वह माल्या का भारत में संपत्ति पर लगाया गया सिक्योरिटी कवर हटा ले, जिसे लंदन हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया। इससे भारत में बैंक माल्या की संपत्ति को नीलाम कर अपना कर्ज वसूल सकेंगे। लंदन हाईकोर्ट के चीफ इन्सॉल्वेंसी एंड कंपनीज कोर्ट (ICC) के जज माइकल ब्रिग्स (Michael Briggs) ने भारतीय बैंकों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि ऐसी कोई पब्लिक पॉलिसी नहीं है जो माल्या की संपत्ति को सिक्योरिटी राइट्स प्रदान करे। इस कंसोर्टियम में कुल 13 बैंक शामिल थे जिसमें बैंक ऑफ बडौदा, कॉर्पोरेशन बैंक, फेडरल बैंक, आईडीबीआई बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, जम्मू एंड कश्मीर बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पीएनबी, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और जेएम फाइनेंशिल एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम हैं।
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किस बैंक का कितना बकाया
भारतीय स्टेट बैंक ने माल्या को सबसे ज्यादा कर्ज दिया था। लिहाजा उसी के नेतृत्व में कंसोर्टियम बनाया गया था। विजय माल्या को एसबीआई ने 1600 करोड़ का लोन दिया था। इसके अलावा पंजाब नेशनल बैंक ने 800 करोड़, आईडीबीआई ने 800 करोड़ और बाकी की रकम कंसोर्टियम के बाकी बैंकों ने दिए थे।
अभी माल्या के भारत को सौंपे जाने की उम्मीद नहीं
विजय माल्या प्रत्यर्पण का का केस भी हार चुका है लेकिन इसको लेकर अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं आया है। इसलिए उसके भारत को सौंपे जाने में अभी और विलम्ब हो सकता है। लेकिन ब्रिटिश कोर्ट द्वारा उसकी सम्पत्ति से सिक्योरिटी कवर हटा देने से भारत के बैंक उसकी सम्पत्ति को बेच कर अपने दी कर्ज की वसूली कर सकेंगे। कानून के जानकारों का कहना है कि ब्रिटेन में उसके केस जीतने की संभावना न के बराबर है, लेकिन फिर भी उसके पैंतरे से उसे ब्रिटेन में कुछ दिन और रहने का समय मिल गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि माल्या के ब्रिटेन में रहने के लगभग सभी कानून रास्ते बंद हो गए हैं।
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